भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता कहा जाता है। हर शुभ कार्य की शुरुआत उनसे ही होती है। श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) का पाठ करने से जीवन से विघ्न दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है।
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श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) दोहा
जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥
श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) चौपाई

श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) दोहा
श्री गणेश यह चालीसा पाठ करें धर ध्यान।
नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥
सम्वत् अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥
श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) पाठ का महत्व
- श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) का पाठ बुद्धि, ज्ञान और सफलता देता है।
- जीवन के कठिन समय में यह मन की शांति और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
- किसी भी नए काम, परीक्षा या शुभ कार्य से पहले इसका पाठ करना शुभ माना जाता है।
- भक्त मानते हैं कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि आती है।
इसी तरह श्री दुर्गा चालीसा (shree durga Chalisa) और भगवान शिव के 108 नाम (bhagwan shiv ke 108 naam) का पाठ भी जीवन में विशेष फल प्रदान करता है।
एक बार एक व्यापारी हर दिन श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) का पाठ करता था। एक दिन अचानक उसका व्यापार संकट में पड़ गया। उसने विश्वास नहीं खोया और गणेश जी की स्तुति करता रहा। कुछ ही समय में उसकी परेशानियां दूर हो गईं और व्यापार पहले से अधिक बढ़ गया। तभी से लोग मानते हैं कि श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) हर बाधा को दूर करने की शक्ति रखती है।
श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) पाठ विधि
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- गणेश जी की मूर्ति/प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं।
- चालीसा का पाठ करते समय “ॐ गणेशाय नमः” मंत्र का जाप करें।
- अंत में गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं।
जब आप सुबह गणेश जी की मूर्ति के सामने बैठकर श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) का पाठ करते हैं, तो आपके मन की चिंताएं स्वतः समाप्त होने लगती हैं। आप महसूस करेंगे कि घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ रही है और आपके कार्य आसानी से पूरे हो रहे हैं। यही है श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) की अद्भुत शक्ति।
श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) से जुड़ी मान्यता
मान्यता है कि जब भगवान शिव ने गणेश जी को बाल रूप में जन्म दिया तो सबसे पहले उनका परीक्षण किया। बुद्धि और भक्ति के अद्भुत संगम से गणेश जी ने सब देवताओं को प्रभावित किया। तभी से वे प्रथम पूज्य देव कहलाए।
श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) से जुड़े सवाल (FAQs)
गणेश जी के गुरु कौन थे
गणेश जी के गुरु भगवान शिव और माता पार्वती माने जाते हैं, क्योंकि उन्हीं से उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा और संस्कार प्राप्त किए। इसके अलावा, पुराणों के अनुसार भगवान गणेश ने भगवान ब्रह्मा, नारद मुनि और शुक्राचार्य से भी ज्ञान अर्जित किया। इसी कारण उन्हें विद्या, बुद्धि और ज्ञान का देवता कहा जाता है।
गणपति के 12 नाम क्या हैं
गणपति के 12 नाम
सुमुख – सुंदर मुख वाले
एकदंत – एक दाँत वाले
कपिल – तपस्वी, महा तेजस्वी
गजकर्णक – हाथी जैसे कान वाले
लम्बोदर – बड़े पेट वाले
विकट – विकट रूप वाले
विघ्नराज – विघ्नों के राजा, विघ्नहर्ता
धूम्रवर्ण – धुएँ के समान रंग वाले
भालचन्द्र – मस्तक पर चंद्र धारण करने वाले
विनायक – अग्रपूज्य देव
गणपति – गणों के स्वामी
गजानन – हाथी के समान मुख वाले
कलयुग में गणेश जी का अवतार क्या होगा
धार्मिक ग्रंथों और भविष्य पुराण के अनुसार कलयुग में भगवान गणेश का अवतार “धूम्रकेतु” के रूप में होगा। यह अवतार एक सफेद हाथी के समान वर्ण वाला और अत्यंत तेजस्वी होगा। कहा गया है कि धूम्रकेतु अवतार अधर्म और पाप का नाश करेगा तथा धर्म की स्थापना करेगा। माना जाता है कि यह अवतार कलयुग के अंत समय में प्रकट होगा और भक्तों की रक्षा करेगा।
गणेश कवच का स्तोत्र क्या है
गणेश कवच स्तोत्र भगवान गणपति की एक शक्तिशाली स्तुति है, जिसका पाठ करने से जीवन में आने वाले सभी विघ्न-बाधाएँ दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह स्तोत्र नारद पुराण से लिया गया है।
इच्छापूर्ति के लिए कौन सा गणेश मंत्र है
भक्तजन अपनी मनोकामना पूर्ति और सफलता प्राप्ति के लिए विशेष गणेश मंत्र का जाप करते हैं। सबसे प्रभावी मंत्र है –
गणेश इच्छापूर्ति मंत्र:- ॐ गणेश ऋषये नमः ॥
या फिर यह अत्यंत लोकप्रिय और शक्तिशाली मंत्र है:
विघ्नहर्ता मंत्र:- ॐ गं गणपतये नमः ॥
विधि
प्रातः स्नान के बाद स्वच्छ स्थान पर गणेश जी की मूर्ति/प्रतिमा के सामने बैठें।
दीपक और अगरबत्ती जलाकर श्रद्धा से इस मंत्र का 108 बार (1 माला) जाप करें।
मंत्र जाप के बाद गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएँ।
ऐसा नियमित करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, विघ्न दूर होते हैं और सफलता प्राप्त होती है।
श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) के ब्लॉग का निष्कर्ष
श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) न केवल भगवान गणेश की स्तुति का साधन है, बल्कि यह भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, बुद्धि, और सफलता लाने का माध्यम भी है। नियमित पाठ करने से विघ्न दूर होते हैं, मन की शांति मिलती है और सभी कार्य आसानी से पूर्ण होते हैं। चाहे यह दोहा-चौपाई, गणेश कवच, या इच्छापूर्ति मंत्र हो, हर एक पाठ में भक्ति और विश्वास का अद्भुत सामर्थ्य निहित है।