भगवान शिव हिंदू धर्म के प्रमुख देवता हैं, जिन्हें भोलेनाथ, महादेव और आशुतोष के नाम से जाना जाता है। वे बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं और उनकी भक्ति करने से साधक के जीवन की सभी कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं। शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) पढ़ने या सुनने से मनुष्य को मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति और जीवन में संतुलन प्राप्त होता है।
शिव स्तुति का महत्व
हिंदू शास्त्रों में उल्लेख है कि शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) का पाठ करने से साधक के पाप नष्ट होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्तुति केवल भजन या कविता नहीं है, बल्कि यह शिव से आत्मिक संवाद का साधन है।
- स्तुति से जीवन की नकारात्मकता दूर होती है।
- साधक के घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- रोग और कष्ट मिट जाते हैं।
- सावन और महाशिवरात्रि जैसे पावन अवसरों पर शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) पढ़ने से पुण्य फल मिलता है।
आप यदि शिव जी की और भी भक्ति विधियों को जानना चाहते हैं तो भगवान शिव के 108 नाम पढ़ सकते हैं।
“एक गाँव में एक वृद्ध महिला हर सुबह स्नान के बाद शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) का पाठ करती थी। उसके घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, लेकिन उसने कभी भक्ति नहीं छोड़ी। धीरे-धीरे उसके जीवन में सुख-शांति आने लगी और लोग उसके घर को आशीर्वाद का स्थान मानने लगे। यह भक्ति की शक्ति और शिव स्तुति का प्रभाव था, जिसने उसके जीवन को बदल दिया।”

शिव स्तुति हिंदी में | Lyrics
शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) का यह पाठ अत्यंत मंगलकारी और सुखदायक है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ पढ़ना चाहिए।
आशुतोष शशांक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा।।
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निर्विकार ओमकार अविनाशी,
तुम्ही देवाधि देव,
जगत सर्जक प्रलय करता,
शिवम सत्यम सुंदरा।।
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निरंकार स्वरूप कालेश्वर,
महा योगीश्वरा,
दयानिधि दानिश्वर जय,
जटाधार अभयंकरा।।
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शूल पानी त्रिशूल धारी,
औगड़ी बाघम्बरी,
जय महेश त्रिलोचनाय,
विश्वनाथ विशम्भरा।।
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नाथ नागेश्वर हरो हर,
पाप साप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले,
सदा शिव शिव संकरा।।
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जगत पति अनुरकती भक्ति,
सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब,
जय जयति जगदीश्वरा।।
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जनम जीवन जगत का,
संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन,
जपता रहे पञ्चाक्षरा।।
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आशुतोष शशांक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ।।
कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा..
शिव स्तुति का सही तरीका
शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) का पाठ करते समय साधक को शुद्ध मन और श्रद्धा के साथ बैठना चाहिए।
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- शिवलिंग या शिव जी की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें।
- तत्पश्चात शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) का पाठ करें।
- अंत में जल, बेलपत्र और पुष्प अर्पित करें।
पंचाक्षर मंत्र से जुड़े पाठ के लिए आप शिव पंचाक्षर स्तोत्र भी पढ़ सकते हैं।
“जब आप प्रातःकाल शांत वातावरण में बैठकर शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) का पाठ करते हैं, तो आपके मन की अशांति तुरंत समाप्त हो जाती है। आप महसूस करेंगे कि भीतर से ऊर्जा जाग रही है और पूरे दिन आपके कामों में सफलता मिल रही है। नियमित रूप से स्तुति का पाठ करने से न केवल जीवन में सुख-शांति आती है बल्कि भगवान शिव की दिव्य कृपा भी सदैव आपके साथ रहती है।”
शिव स्तुति के लाभ
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- जीवन की परेशानियाँ कम होती हैं।
- पारिवारिक कलह समाप्त होता है।
- आध्यात्मिक शक्ति और आंतरिक शांति मिलती है।
- महाशिवरात्रि और सावन में शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) का पाठ करने से विशेष फल मिलता है।
गहन भक्ति के लिए श्री शिव चालीसा का पाठ भी करें।
निष्कर्ष
शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) का पाठ साधारण भक्ति नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। यह साधक को शिव से जोड़ता है और उसके जीवन में सकारात्मकता भर देता है। चाहे सोमवार हो, सावन का महीना या महाशिवरात्रि – यदि आप श्रद्धा से शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) पढ़ते हैं, तो भोलेनाथ अवश्य प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन को आशीर्वाद से भर देते हैं।
शिव स्तुति हिंदी में (shiv stuti in hindi) से जुड़े सवाल (FAQs)
Q1. शिव स्तुति हिंदी में पढ़ने का सही समय कब है?
सुबह स्नान के बाद या सोमवार, सावन और महाशिवरात्रि पर शिव स्तुति हिंदी में पढ़ना सबसे उत्तम होता है।
Q2. क्या शिव स्तुति हिंदी में पढ़ने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं?
हाँ, श्रद्धा और विश्वास से शिव स्तुति हिंदी में का पाठ करने पर भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होकर इच्छाएँ पूरी करते हैं।
Q3. शिव स्तुति पढ़ते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए?
शुद्ध मन से, शांत स्थान पर बैठकर और दीपक-धूप जलाकर पाठ करना चाहिए।
Q4. क्या स्तुति के साथ मंत्र जप करना आवश्यक है?
जी हाँ, “ॐ नमः शिवाय” का जप स्तुति के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देता है।
Q5. शिव स्तुति किन अवसरों पर पढ़ी जाती है?
सावन, महाशिवरात्रि, सोमवार और विशेष पूजा-पाठ के समय शिव स्तुति पढ़ना सबसे शुभ माना जाता है।

