शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) , जिसे दुर्गा अष्टमी कहा जाता है, इस साल 30 सितंबर 2025, मंगलवार को पड़ रहा है। यह दिन विशेष रूप से मां महागौरी की पूजा और कन्या पूजन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
महाअष्टमी का दिन शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन देवी मां महागौरी की पूजा करने से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-समृद्धि आती है।

शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) नवरात्रि का सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस दिन मां महागौरी की आराधना करके भक्त शनि और राहु ग्रह के बुरे प्रभावों से मुक्ति पाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवी की पूजा से मानसिक शांति, धन-संपत्ति की वृद्धि और परिवार में खुशहाली आती है।
मां महागौरी को गोरी रंग और शांत स्वभाव वाली देवी माना जाता है। उनके आशीर्वाद से सभी पाप और बाधाएं दूर हो जाती हैं।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) की पूजा विधि
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) की पूजा विधि बहुत सरल लेकिन प्रभावशाली है। इसे सही समय और विधिपूर्वक करने से इसका फल अधिक मिलता है।
- स्नान और शुद्धि: सुबह जल्दी उठकर साफ वस्त्र पहनें और शुद्ध स्नान करें।
- घटस्थापना: घर में पूजा स्थल पर कलश या देवी प्रतिमा स्थापित करें।
- पूजा सामग्री: हलवा, खीर, फल, फूल, दीपक और लाल रंग की वस्तुएँ।
- आराधना: मां महागौरी का ध्यान करते हुए मंत्रों का जाप करें।
- कन्या पूजन: 5-10 कन्याओं को भोजन, वस्त्र और उपहार दें।
- भजन और स्तुति: श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करें और देवी के 108 नामों का जप करें।
पूजन के दौरान मन को शांति और भक्ति में लीन रखें। इस दिन किए गए भजन और स्तुति का प्रभाव पूरे वर्ष रहता है।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) कन्या पूजन का महत्व
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) कन्या पूजन के लिए विशेष महत्व रखता है। यह मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा का प्रतीक है। पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
कन्याओं को भोजन, उपहार और वस्त्र देने से न केवल धार्मिक पुण्य मिलता है, बल्कि समाज में सेवा और सम्मान की भावना भी बढ़ती है। कन्या पूजन के समय उन्हें लाल वस्त्र और फल देना अत्यंत शुभ माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) व्रत और नियम
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) व्रत रखने से मन और शरीर शुद्ध होते हैं। व्रतियों को चाहिए कि वे हल्का भोजन करें और संकल्प के अनुसार फलाहार या एक समय का भोजन लें।
- सुबह के समय देवी के मंत्र और भजन करें।
- सभी देवी-देवताओं की पूजा करें, विशेषकर मां महागौरी।
- व्रत के दौरान सकारात्मक विचार रखें।
- शिव पंचाक्षर स्तोत्र और भगवान विष्णु के 10 अवतार के पाठ से व्रत और भी अधिक फलदायी होता है।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) की पौराणिक कथा
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) देवी दुर्गा के महाकाव्य महिषासुर मर्दिनी रूप से जुड़ा है। पुराणों के अनुसार, इस दिन देवी ने महिषासुर के वध के लिए अपनी शक्ति पूर्ण रूप से प्रकट की थी।
कन्या पूजन और महागौरी की पूजा का महात्म्य यही है कि यह शक्ति और भक्ति का संगम है। देवी के नौ रूपों की पूजा करके जीवन में शक्ति और साहस आता है।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) में विशेष उपाय और लाभ
- देवी की पूजा से राहु और शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
- कन्या पूजन से घर में सुख-शांति बढ़ती है।
- व्रत और भजन से मानसिक तनाव दूर होता है और आत्मिक शक्ति बढ़ती है।
- ललिता सप्तमी और अन्य पर्वों की जानकारी से पूजा और भी प्रभावशाली बनती है।
- घर की सफाई और पूजा स्थल पर लाल रंग का फूल रखने से देवी की कृपा अधिक मिलती है।
आप भी इस शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) पर मां महागौरी की पूजा कर सकते हैं। अपने घर में कन्याओं को आमंत्रित करें और उन्हें भोजन व वस्त्र दें। इस दिन आप महसूस करेंगे कि आपकी भक्ति आपके जीवन में शांति और समृद्धि ला रही है।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) से जुड़े सवाल (FAQs)
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) माता को क्या चढ़ाना चाहिए
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) के दिन मां महागौरी या देवी दुर्गा को विशेष रूप से शुद्ध और सात्विक वस्तुएँ चढ़ाई जाती हैं। इनमें शामिल हैं:
फल: केले, सेब, नारियल, आम, अनार
मिठाई: हलवा, खीर, लड्डू, पापड़ी
फूल: लाल और सफेद रंग के ताजे फूल
अन्य: दीपक, अक्षत (चावल), सिंदूर, दूर्वा, गुलाब जल
कुछ लोग कन्याओं को भोजन और उपहार देकर भी माता को प्रसन्न करते हैं।
ध्यान रखें कि अष्टमी के दिन चढ़ाए गए भोग और वस्तुएँ पूरी निष्ठा और भक्ति के साथ दें, क्योंकि यही सबसे बड़ा पुण्य है।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) माता का नाम क्या है
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) पूजा की जाने वाली माता को मां महागौरी कहा जाता है। माता महागौरी का स्वरूप अत्यंत शांत और सुंदर है, और इन्हें सफेद वस्त्र और गोरा रूप धारण करने वाली देवी माना जाता है। मां महागौरी की पूजा से जीवन में शांति, सुख-समृद्धि और बुरे ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है। इस दिन कन्या पूजन और विशेष व्रत करना भी अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) कौन सा रंग का कपड़ा पहनना चाहिए
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) यानी अष्टमी के अवसर पर भक्त सफेद रंग के कपड़े पहनते हैं। सफेद रंग शांति, पवित्रता और मां महागौरी के शांत स्वभाव का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सफेद या हल्के रंग का पहनावा पहनने से पूजा का महत्व बढ़ता है और मां की कृपा प्राप्त होती है।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) माता को क्या चढ़ाना चाहिए
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) माता महागौरी या देवी दुर्गा को निम्नलिखित वस्तुएँ चढ़ाई जाती हैं:
फल: केला, सेब, नारियल, आम, अनार
मिठाई: हलवा, खीर, लड्डू
फूल: लाल और सफेद ताजे फूल
अन्य: दीपक, अक्षत (चावल), सिंदूर, दूर्वा, गुलाब जल
इसके अलावा, इस दिन कन्याओं को भोजन और उपहार देना भी बहुत पुण्यकारी माना जाता है।
ध्यान रहे कि चढ़ाई गई वस्तुएँ भक्ति और श्रद्धा के साथ दें, क्योंकि यही सबसे बड़ा पुण्य है।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) कौन सी विशेष पूजा की जाती है
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) यानी अष्टमी के अवसर पर विशेष रूप से मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन देवी के सौम्य और पवित्र स्वरूप की आराधना करके भक्त बुरे ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति, मानसिक शांति और परिवार में सुख-समृद्धि प्राप्त करते हैं।
इसके साथ ही कन्या पूजन भी किया जाता है, जिसमें 5–10 कन्याओं को भोजन, वस्त्र और उपहार देकर देवी को प्रसन्न किया जाता है। इस दिन की पूजा में हलवा, खीर, फल और फूल चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) के ब्लॉग का निष्कर्ष
शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din) , महाअष्टमी, केवल पूजा का पर्व नहीं बल्कि भक्ति, सेवा और आध्यात्मिक अनुभव का प्रतीक है। इस दिन मां महागौरी की पूजा, व्रत और कन्या पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति आती है।
भक्ति और श्रद्धा के साथ किए गए भजन, स्तुति और पूजा से देवी की कृपा बनी रहती है। सफेद वस्त्र पहनकर, सात्विक भोग चढ़ाकर और कन्याओं की सेवा करके आप इस दिन का पूर्ण लाभ उठा सकते हैं।
महाअष्टमी हमें यह याद दिलाती है कि सच्ची भक्ति केवल पूजा तक सीमित नहीं होती, बल्कि जीवन में दूसरों की सेवा और आध्यात्मिक अनुशासन से भी प्रकट होती है। इस दिन की ऊर्जा और आशीर्वाद को अपनाकर आप अपने जीवन में स्थायी शांति और समृद्धि ला सकते हैं।
आइए, इस शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन अपने मन, घर और जीवन को माँ महागौरी की कृपा से प्रकाशित करें और नवरात्रि के अंतिम दिनों में भी भक्ति, सेवा और सकारात्मकता का मार्ग अपनाएं।
शारदीय नवरात्रि के अन्य दिन भी जानें
- शारदीय नवरात्रि का पहला दिन (shardiya navratri ka pahla din)
- शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन (shardiya Navratri ka dusra din)
- शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन (shardiya Navratri ka teesara din)
- शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन (shardiya Navratri ka chautha din)
- शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din)
- शारदीय नवरात्रि का छठा दिन (shardiya navratri ka chhatha din)
- शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din)