भगवद गीता के अध्याय 4, श्लोक 7 में वर्णित यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) मंत्र भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश का हिस्सा है। यह मंत्र हमें यह सिखाता है कि जब भी पृथ्वी पर अधर्म का राज बढ़ता है और धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान स्वयं प्रकट होकर धर्म की स्थापना और पाप का नाश करते हैं।

यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) मंत्र का श्लोक
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।।
यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) श्लोक का अर्थ
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं:
“ जब भी इस पृथ्वी पर अधर्म का राज बढ़ता है और धर्म कमजोर होता है, तब-तब मैं स्वयं अवतार लेता हूँ। ताकि सज्जनों और साधुओं की रक्षा हो, दुष्टों का विनाश हो और धर्म की स्थापना हो सके।“
यह मंत्र हमें जीवन में धर्म का पालन करने, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह हमें बताता है कि आध्यात्मिक जागरूकता के बिना जीवन में अस्थिरता और अधर्म बढ़ सकता है।
रामु नामक एक युवा हमेशा अधर्म और पाप की घटनाओं से परेशान रहता था। उसने “यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) ” मंत्र पढ़ा और उसकी शक्ति को अनुभव किया। धीरे-धीरे रामु ने महसूस किया कि वह खुद अपने जीवन में न्याय और धर्म की स्थापना कर सकता है। अब रामु हर दिन इस मंत्र का जाप करता है और अपने आसपास सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है, जिससे उसके परिवार और समुदाय में शांति और सुरक्षा बढ़ गई।
यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) मंत्र का महत्व
- धर्म की रक्षा: यह मंत्र हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा करना केवल भगवान की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक मानव का कर्तव्य है।
- अधर्म का नाश: जब पाप और अधर्म बढ़ते हैं, यह मंत्र हमें भगवान के अवतार के महत्व को समझाता है।
- आध्यात्मिक विकास: व्यक्ति इस मंत्र का पाठ करके अपने भीतर धर्मपरायणता और समर्पण की भावना विकसित कर सकता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: घर और कार्यालय में इस मंत्र का नियमित पाठ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होता है।
अगर आप अन्य शक्तिशाली मंत्रों और धार्मिक विधियों के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप देव प्रबोधिनी एकादशी (Dev Prabodhini Ekadashi) और श्री राम रक्षा स्तोत्र (ram raksha stotra) को भी पढ़ सकते हैं।
जब आप “यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) ” मंत्र का पाठ करते हैं, तो आप स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की शक्ति को अपने भीतर महसूस कर सकते हैं। यह आपको याद दिलाता है कि धर्म की रक्षा केवल भगवान का काम नहीं, बल्कि आपका भी कर्तव्य है। आप अपने जीवन में सत्य और न्याय के मार्ग पर चलते हुए नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रह सकते हैं। नियमित पाठ से आपको मानसिक शांति और आत्मविश्वास भी मिलेगा।
यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) का आध्यात्मिक संदेश
भगवद गीता में यह श्लोक केवल युद्ध के संदर्भ में नहीं बल्कि जीवन के हर पहलू में अधर्म और धर्म के संघर्ष का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि जीवन में चुनौतियों का सामना करते समय हमें सत्य, न्याय और धर्म के मार्ग पर अडिग रहना चाहिए। इस मंत्र के माध्यम से व्यक्ति आध्यात्मिक जागरूकता, संतुलन और मनोबल प्राप्त कर सकता है। साथ ही यह जीवन के हर कठिन समय में आशा और विश्वास बनाए रखता है। आप और भी धार्मिक अवसरों पर पूजा और भक्ति के महत्व को जानने के लिए छठ पूजा (chhath puja) और भाई दूज (Bhai Dooj) की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) से जुड़े सवाल (FAQs)
यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) मंत्र का अर्थ क्या है?
यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कहा गया है। इसका अर्थ है: “जब भी पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है और धर्म कमजोर होता है, तब-तब मैं स्वयं अवतार लेता हूँ, सज्जनों की रक्षा करने और अधर्म को नष्ट करने के लिए।”
यह मंत्र भगवद गीता के किस अध्याय में है?
यह मंत्र भगवद गीता, अध्याय 4, श्लोक 7-8 में वर्णित है।
यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) मंत्र का पाठ करने का लाभ क्या है?
इस मंत्र का नियमित पाठ व्यक्ति को आध्यात्मिक जागरूकता, सकारात्मक ऊर्जा, मनोबल और धर्मपरायणता देता है। साथ ही यह जीवन में नैतिकता और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
क्या इस मंत्र का पाठ घर में किया जा सकता है?
हाँ, इस मंत्र का पाठ घर या कार्यालय में किया जा सकता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और वातावरण में शांति और सकारात्मकता लाता है।
यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) मंत्र के अलावा अन्य शक्तिशाली मंत्र कौन से हैं?
आप श्री राम रक्षा स्तोत्र (ram raksha stotra) और श्री दुर्गा चालीसा (Shri Durga Chalisa Lyrics) जैसी शक्तिशाली मंत्रों का पाठ करके भी जीवन में आध्यात्मिक सुरक्षा और शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) के ब्लॉग का निष्कर्ष
यदा यदा हि धर्मस्य (yada yada hi dharmasya) मंत्र केवल एक धार्मिक श्लोक नहीं है, बल्कि यह जीवन की आध्यात्मिक शिक्षा भी देता है। यह हमें सिखाता है कि अधर्म बढ़ने पर भगवान अवतार लेते हैं और धर्म की रक्षा करते हैं। इस मंत्र का पाठ व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक शक्ति देता है, बल्कि जीवन में नैतिकता और सच्चाई का मार्ग भी दिखाता है।