हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाई जाने वाली विवाह पंचमी (vivah panchami) भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य मिलन की स्मृति में मनाई जाती है। यह पर्व आदर्श प्रेम, भक्ति और मर्यादा का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष विवाह पंचमी (vivah panchami) 2025 का पर्व 25 नवंबर (मंगलवार) को मनाया जाएगा। इस दिन ध्रुव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग बन रहे हैं, जो पूजा के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

विवाह पंचमी (vivah panchami) की तिथि और शुभ मुहूर्त 2025
पंचांग के अनुसार:
- पंचमी तिथि प्रारंभ: 24 नवंबर 2025, रात 09:22 बजे
- पंचमी तिथि समाप्त: 25 नवंबर 2025, रात 10:56 बजे
- चन्द्रोदय- सुबह 11:02 मिनट पर
- चंद्रास्त- रात 09:33 मिनट पर
- उदया तिथि मान्य: 25 नवंबर 2025
शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:04 से 06:58 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 01:53 से 02:36 तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:22 से 05:49 तक
- निशिता मुहूर्त: रात 11:42 से 12: 35 तक
इन शुभ समयों में भगवान श्रीराम और माता जानकी की पूजा करने से सुख, सौभाग्य और दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।
विवाह पंचमी (vivah panchami) का धार्मिक और पौराणिक महत्व
विवाह पंचमी (vivah panchami) का संबंध त्रेता युग से है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह जनकपुर में हुआ था। यह दिन विवाह संबंधों की पवित्रता और नैतिकता का प्रतीक माना जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त इस दिन व्रत रखकर भगवान राम और सीता माता की पूजा करते हैं, उनके विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं। कई लोग इस दिन विवाह में विलंब या समस्या दूर करने हेतु व्रत करते हैं।
विवाह पंचमी (vivah panchami) का पौराणिक संदर्भ:
माता सीता के जीवन में आए कष्टों के कारण कुछ लोग इस दिन विवाह नहीं करते। फिर भी यह दिन पूजा और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
जनकपुर की गलियाँ आज भी उस दिव्य क्षण की गवाह हैं जब राम और सीता का विवाह हुआ था। दीपों की ज्योति और शंखध्वनि से पूरा नगर गूँज उठा था। कहते हैं, उसी दिन से विवाह पंचमी (vivah panchami) के उत्सव की शुरुआत हुई। हर साल जब यह दिन आता है, तो भक्तों के हृदय में वही दिव्य भावना जाग उठती है—विवाह पंचमी (vivah panchami) की अनंत पवित्रता के साथ।
विवाह पंचमी (vivah panchami) की पूजा विधि और परंपराएँ
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर या मंदिर में राम-सीता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- घी का दीपक जलाएं और रामचरितमानस का पाठ करें।
- केले, फूल, तुलसी और चंदन से पूजा करें।
- दिनभर व्रत रखें और संध्या में आरती करें।
- अंत में गरीबों को भोजन और दान दें।
इस अवसर पर कई स्थानों पर राम-सीता विवाह महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जैसे जनकपुर, अयोध्या और वाराणसी।
विवाह पंचमी (vivah panchami) 2025 के विशेष योग
इस वर्ष विवाह पंचमी (vivah panchami) के दिन तीन प्रमुख योग बन रहे हैं:
- ध्रुव योग: स्थिरता और सफलता का प्रतीक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु शुभ
- शिववास योग: भक्ति, प्रेम और शांति का योग
इन योगों में पूजा करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है और परिवार में सौहार्द बना रहता है।
भारतीय संस्कृति में विवाह पंचमी (vivah panchami) का स्थान
विवाह पंचमी (vivah panchami) न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह संस्कार और जीवनमूल्यों का उत्सव भी है।
इस अवसर पर कई भक्त देवउठनी एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली जैसे अन्य पर्वों के साथ इसका संबंध जोड़ते हैं।
जैसे देव दीपावली (dev deepawali) भगवान शिव और गंगा की आराधना का पर्व है, उसी प्रकार विवाह पंचमी (vivah panchami) राम-सीता के प्रेम और मर्यादा का उत्सव है।
वहीं कार्तिक पूर्णिमा (kartik purnima) का स्नान और दान भी इसी पावन काल में अत्यंत फलदायी माना गया है।
यदि आप भारतीय पर्वों और आध्यात्मिकता की गहराई समझना चाहते हैं, तो पंच केदार (panch kedar) यात्रा जैसे पवित्र धामों की जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
जब तुम विवाह पंचमी (vivah panchami) की सुबह भगवान राम और माता सीता की पूजा करते हो, तो मानो तुम स्वयं उस दिव्य विवाह के साक्षी बन जाते हो। हर मंत्र, हर दीपक तुम्हारे जीवन में नई ऊर्जा भर देता है। यदि तुम्हारे जीवन में विवाह से जुड़ी कोई बाधा है, तो इस दिन का व्रत और प्रार्थना तुम्हारे लिए मार्गदर्शक बन सकती है — यही है विवाह पंचमी (vivah panchami) का सच्चा अर्थ।
विवाह पंचमी (vivah panchami) से जुड़े सवाल (FAQs)
विवाह पंचमी (vivah panchami) क्यों मनाई जाती है?
विवाह पंचमी (vivah panchami) भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाई जाती है। यह दिन आदर्श प्रेम, मर्यादा और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम-सीता की पूजा करने से दांपत्य जीवन में सुख और स्थिरता आती है।
विवाह पंचमी (vivah panchami) 2025 कब है?
साल 2025 में विवाह पंचमी (vivah panchami) का पर्व 25 नवंबर (मंगलवार) को मनाया जाएगा। पंचमी तिथि 24 नवंबर की रात 09:22 बजे शुरू होकर 25 नवंबर की रात 10:56 बजे तक रहेगी।
विवाह पंचमी (vivah panchami) के दिन क्या करना चाहिए?
इस दिन सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें, भगवान राम और माता सीता की पूजा करें, रामचरितमानस का पाठ करें और व्रत रखें। अंत में गरीबों को भोजन और दान देना शुभ माना गया है।
विवाह पंचमी (vivah panchami) के दिन विवाह क्यों नहीं किए जाते?
ऐसा माना जाता है कि माता सीता के जीवन में विवाह के बाद कई कष्ट आए, इसलिए कुछ लोग इस दिन विवाह नहीं करते। हालांकि, पूजा और व्रत के लिए यह दिन अत्यंत शुभ है।
विवाह पंचमी (vivah panchami) के दिन कौन से योग बन रहे हैं?
विवाह पंचमी (vivah panchami) 2025 के दिन तीन प्रमुख योग बन रहे हैं – ध्रुव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग। इन योगों में पूजा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
विवाह पंचमी (vivah panchami) के ब्लॉग का निष्कर्ष
विवाह पंचमी (vivah panchami) का पर्व केवल भगवान राम और माता सीता के विवाह की स्मृति नहीं है, बल्कि यह हमें आदर्श दांपत्य, समर्पण और मर्यादा का संदेश देता है।
इस दिन का पालन करने से न केवल विवाह में बाधाएँ दूर होती हैं, बल्कि जीवन में सुख, प्रेम और समृद्धि का आगमन होता है।
