सूर्य मंत्र (Surya mantra) : भगवान सूर्य के आशीर्वाद के लिए प्रभावी जाप

सूर्य देव को जीवन का सर्वोच्च ऊर्जा स्रोत माना जाता है। उनके आशीर्वाद से मानसिक शांति, स्वास्थ्य, यश, समृद्धि और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। सूर्य मंत्रों के नियमित जाप से न केवल जीवन की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, बल्कि आपकी मनोकामनाएँ भी पूर्ण होती हैं।

Surya mantra
सूर्य मंत्र

सूर्य मंत्र (Surya mantra) का महत्व

सूर्य मंत्रों का जाप करने से जीवन में कई लाभ होते हैं:

  • मानसिक शांति और आत्मज्ञान: सूर्य गायत्री मंत्र का नियमित जाप मानसिक तनाव कम करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
  • सफलता और यश: जपा कुसुम संकाशं मंत्र से करियर और व्यवसाय में सफलता मिलती है।
  • स्वास्थ्य और ऊर्जा: सूर्य देव का आशीर्वाद शरीर में ऊर्जा और स्वास्थ्य बनाए रखता है।
  • रक्त और शरीर की सफाई: सूर्य अष्टोत्तर शतनाम मंत्र का जाप शरीर और मन की नकारात्मकता दूर करता है।

एक छोटे गाँव में रीता रोज़ सुबह उगते सूर्य को प्रणाम करती। उसने “ॐ घृणि सूर्याय नमः” का जाप करना शुरू किया। कुछ ही महीनों में उसका स्वास्थ्य बेहतर हुआ, उसका व्यवसाय फल-फूल गया और घर में खुशहाली आई। रीता ने महसूस किया कि सूर्य मंत्र (Surya mantra) केवल शब्द नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत हैं। अब हर रविवार गाँव के लोग भी उसे अनुसरण करते हैं।

प्रमुख सूर्य मंत्र (Surya mantra)

सूर्य प्रार्थना मंत्र

सूर्य भगवान की प्रार्थना करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।
विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।

सूर्याष्टकम

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते
सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् ।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्
लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्
त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्
बृंहितं तेजःपुञ्जं च वायुमाकाशमेव च ।
प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्
बन्धुकपुष्पसङ्काशं हारकुण्डलभूषितम् ।
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्
तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेजः प्रदीपनम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्
तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्

सूर्य कवच

श्रणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्।
शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम्।।
देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम।
ध्यात्वा सहस्त्रं किरणं स्तोत्र मेततु दीरयेत्।।
शिरों में भास्कर: पातु ललाट मेडमित दुति:।
नेत्रे दिनमणि: पातु श्रवणे वासरेश्वर:।।
ध्राणं धर्मं धृणि: पातु वदनं वेद वाहन:।
जिव्हां में मानद: पातु कण्ठं में सुर वन्दित:।।
सूर्य रक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्ज पत्रके।
दधाति य: करे तस्य वशगा: सर्व सिद्धय:।।
सुस्नातो यो जपेत् सम्यग्योधिते स्वस्थ: मानस:।
सरोग मुक्तो दीर्घायु सुखं पुष्टिं च विदंति।।

कामना पूर्ति के लिए करें भगवान सूर्य के इन मंत्र का जाप

  • ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
  • ॐ सूर्याय नम: ।
  • ॐ घृणि सूर्याय नम: ।
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
  • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
  • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।

सूर्य मंत्र (Surya mantra) जाप विधि

  1. स्थान चयन: घर के पूर्व दिशा में साफ स्थान पर सूर्य देव की प्रतिमा या तस्वीर रखें।
  2. साधन सामग्री: तांबे का लोटा, लाल फूल, अक्षत, सिंदूर और मिश्री।
  3. मंत्र जाप: श्रद्धा और ध्यान के साथ 108 बार मंत्र जपें।
  4. नियमितता: लगातार 21 दिन या पूरे मास के रविवार को जाप करने से लाभ अधिक होता है।

सूर्य मंत्र (Surya mantra) के साथ अन्य देवताओं के मंत्र भी जीवन में सुख और सफलता लाते हैं। आप शनि देव के 10 नाम (10 names of Shani dev) और बगलामुखी मंत्र (bagalamukhi mantra) का भी जाप करके अपने जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को कम कर सकते हैं।

कल्पना कीजिए, आप रविवार की सुबह ताज़ी हवा में खड़े हैं, अपने हाथों में जल भरा लोटा और अपने मन में “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप कर रहे हैं। हर बार जब आप मंत्र बोलते हैं, आपके भीतर ऊर्जा का संचार होता है और तनाव दूर होता है। आप महसूस करते हैं कि सूर्य देव आपके जीवन में सुख, स्वास्थ्य और सफलता का प्रकाश फैला रहे हैं। यह अनुभव आपको मानसिक शांति और आत्मविश्वास देता है।

सूर्य मंत्र (Surya mantra) से जुड़े सवाल (FAQs)

सूर्य मंत्र (Surya mantra) कितनी बार बोलना चाहिए

सूर्य मंत्र (Surya mantra) का जाप करने की संख्या आपके उद्देश्य और समय पर निर्भर करती है। आमतौर पर इसे 108 बार जपना सबसे अधिक लाभकारी माना जाता है। यदि आप मनोकामना पूरी करने के लिए मंत्र का जाप कर रहे हैं, तो इसे लगातार 21 दिन या हर रविवार सूर्योदय के समय करना शुभ होता है। कुछ सूर्य मंत्र (Surya mantra), जैसे कि दीर्घ सूर्य मंत्र (Surya mantra) या जपा कुसुम संकाशं मंत्र, का 7,000 बार जप भी विशेष फलदायी माना गया है, लेकिन शुरुआती लोग 108 बार से शुरू कर सकते हैं।

सूर्य मंत्र (Surya mantra) क्या है

सूर्य मंत्र (Surya mantra) वे विशेष मंत्र हैं जिन्हें भगवान सूर्य देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। इन मंत्रों में सूर्य देव की ऊर्जा, शक्ति और आशीर्वाद को आमंत्रित करने की क्षमता होती है। सूर्य मंत्रों के नियमित जाप से मानसिक शांति, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास, यश और समृद्धि प्राप्त होती है।
प्रसिद्ध सूर्य मंत्रों में ॐ घृणि सूर्याय नमः, सूर्य गायत्री मंत्र और जपा कुसुम संकाशं मंत्र शामिल हैं। इन्हें खासकर रविवार के दिन सूर्योदय के समय जपना अधिक शुभ माना गया है।

सूर्य की साधना कैसे करें

सूर्य की साधना करने के लिए सबसे पहले एक शांत और साफ स्थान चुनें, जहाँ आप ध्यान और मंत्र जाप आसानी से कर सकें। इसे विशेष रूप से पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना शुभ माना जाता है। साधना के लिए आप नीचे दिए गए कदम अपनाएं:
साधन सामग्री तैयार करें: तांबे का लोटा, लाल फूल, अक्षत, सिंदूर और मिश्री।
सूर्योदय के समय करें: सुबह सूरज निकलते ही सूर्य देव को अर्घ्य दें और उनके सामने दीपक जलाएं।
मंत्र जाप: श्रद्धा और ध्यान के साथ सूर्य मंत्रों का जाप करें, जैसे –
ॐ घृणि सूर्याय नमः
ॐ सूर्याय नमः
सूर्य गायत्री मंत्र: ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराया धीमहि तनमो आदित्य प्रचोदयात।
ध्यान और भाव: मंत्र बोलते समय अपने मन को सूर्य देव की ओर केंद्रित करें और सकारात्मक ऊर्जा महसूस करें।
नियमितता: इसे हर रविवार या लगातार 21 दिन तक करना लाभकारी होता है।

ग्रह सूर्य का मंत्र क्या है

ग्रह सूर्य का मंत्र विशेष रूप से सूर्य देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। सूर्य देव को सूर्य ग्रह का कारक माना जाता है और इनके मंत्र का नियमित जाप जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और सफलता लाता है।
कुछ प्रमुख सूर्य मंत्र (Surya mantra) इस प्रकार हैं:
ॐ घृणि सूर्याय नमः – साधारण और सबसे प्रभावशाली सूर्य मंत्र (Surya mantra)।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा – मनोकामना पूर्ति और समृद्धि के लिए।
सूर्य गायत्री मंत्र: ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराया धीमहि तनमो आदित्य प्रचोदयात।

रविवार को कौन सा मंत्र बोलना चाहिए

रविवार भगवान सूर्य को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन सूर्य मंत्रों का जाप विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। सबसे प्रभावशाली मंत्र हैं:
ॐ घृणि सूर्याय नमः – सामान्य और सबसे शक्तिशाली मंत्र, मनोकामनाएँ पूरी करने के लिए।
ॐ सूर्याय नमः – सरल और आसान मंत्र, घर में सुख, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा – मनोकामना पूर्ति और समृद्धि के लिए।
सूर्य गायत्री मंत्र: ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराया धीमहि तनमो आदित्य प्रचोदयात।

सूर्य मंत्र (Surya mantra) के ब्लॉग का निष्कर्ष

सूर्य मंत्र (Surya mantra) का नियमित जाप जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है। चाहे मानसिक शांति, यश, स्वास्थ्य या समृद्धि की बात हो, सूर्य देव की कृपा से हर इच्छा पूरी हो सकती है। सूरज की ऊर्जा को अपने जीवन में शामिल करने के लिए हर रविवार सूर्योदय के समय मंत्र जाप अवश्य करें।

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