श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र की पूरी जानकारी

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र, जिसे शिव महापुराण में अत्यंत शक्तिशाली माना गया है, भगवान शिव को समर्पित एक सरल और प्रभावशाली मंत्र है। यह मंत्र महामृत्युंजय मंत्र के समान प्रभावशाली माना जाता है और जीवन में बाधाओं, दुखों और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है।

यह ब्लॉग आपको बताएगा कि श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र का अर्थ, उत्पत्ति, लाभ, जाप की विधि और महत्व क्या है, ताकि आप इसे सही रूप से और प्रभावशाली तरीके से जप सकें।

shree shivay namastubhyam
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श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र की उत्पत्ति

शिव महापुराण के 23वें अध्याय के 7वें श्लोक में इसका उल्लेख मिलता है: “श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मुखं व्याहरते यदा, तन्मुखं पावनं तीर्थम सर्वपापविनाशनम्।”

इस श्लोक के अनुसार, जो भी नित्य इस मंत्र का उच्चारण करता है, उसका मुख पवित्र तीर्थों के समान हो जाता है और पाप नष्ट होते हैं।

यह मंत्र किसी विशेष आयोजन या विधि के बिना भी जपा जा सकता है। आप इसे घर पर या मंदिर में बैठकर आसानी से जाप सकते हैं। इस मंत्र का जाप सरल होने के बावजूद अत्यंत प्रभावशाली है। इसे पुराणों में महामंत्र के रूप में वर्णित किया गया है और कहा जाता है कि इसका 1 जाप महामृत्युंजय मंत्र के 1000 जाप के बराबर फल देता है।

शिव पुराण, लिंग पुराण, और स्कंद पुराण में भी इसके महत्त्व का विवरण मिलता है। लिंग पुराण में कहा गया है कि 33 कोटि देवता भी इस मंत्र के जाप से महादेव को प्रसन्न करते हैं।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र का अर्थ

शब्दशः अर्थ:

  • शिवाय – भगवान शिव को
  • नमस्तुभ्यम् – नमस्कार

अर्थात, “हे भगवान् शिव, आपको मेरा नमस्कार है।”

यह मंत्र न केवल भक्ति को दृढ़ करता है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके मानसिक शांति और जीवन में मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र का आध्यात्मिक महत्व

  • यह मंत्र आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
  • जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और कठिन परिस्थितियों से मार्गदर्शन प्राप्त करने में सहायक है।
  • मानसिक और भावनात्मक तनाव को कम करता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र के फायदे

शास्त्रों और अनुभवों के अनुसार, इस मंत्र के जाप से जीवन में अनेक लाभ प्राप्त होते हैं:

  1. मानसिक शांति और चिन्ताओं से मुक्ति:
    रात को बुरे सपने आते हों या अनिद्रा हो, इस मंत्र के जाप से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  2. स्वास्थ्य लाभ:
    गंभीर रोग जैसे हृदय रोग, लिवर, किडनी रोग आदि में आराम मिलता है।
    • पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार, इस मंत्र के जाप से लकवा और अन्य असाध्य रोगों में भी लाभ होता है।
  3. सुख, समृद्धि और धन प्राप्ति:
    नियमित जाप से जीवन में सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
  4. मनोकामना पूर्ति:
    108 बार जाप करने से इच्छित फल शीघ्र प्राप्त होता है।
  5. सकारात्मक ऊर्जा और मोक्ष की प्राप्ति:
    इस मंत्र के जाप से मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा संचारित होती है और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है।
  6. असुरों और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा:
    शिव पुराण में बताया गया है कि यह मंत्र न केवल मनुष्य के लिए, बल्कि देवताओं, असुरों और गंधर्वों के लिए भी सिद्धि प्रदान करता है।

राम के जीवन में अचानक कठिनाइयाँ आ गईं। हर दिशा बंद लग रही थी और मन निराश था। तभी उसने श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र का जाप शुरू किया। 108 बार जाप करने के बाद उसकी चिंता धीरे-धीरे दूर हुई। उसका मन शांत हुआ, रास्ता स्पष्ट दिखा और जीवन में नई ऊर्जा आयी। राम ने अनुभव किया कि इस सरल मंत्र में अद्भुत शक्ति है जो नकारात्मकता को दूर करके जीवन में सफलता और शांति लाता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र का जाप कैसे करें

शास्त्रों और पंडितों के अनुभव के अनुसार, इस मंत्र का जाप निम्न विधि से करें:

  1. शौच-स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. किसी शांत स्थान पर बैठकर मंत्र का उच्चारण करें।
  3. रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें।
  4. जाप के दौरान मन शांत और एकाग्र रहे।

आपकी जिंदगी में कभी-कभी ऐसा समय आता है जब हर तरफ़ अंधेरा और कठिनाई नजर आती है। ऐसे समय में आप श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र का जाप कर सकते हैं। 108 बार मंत्र का उच्चारण करने से न केवल आपका मन शांत होता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी आती है। यह सरल मंत्र आपको रास्ता दिखाता है, नकारात्मकता को दूर करता है और आपके अंदर हिम्मत और आत्मविश्वास जगाता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) का अतिरिक्त उपाय:

  • घर के मुख्य द्वार पर या मंदिर में श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) का अंकन करना भी शुभ माना जाता है।
  • मंत्र का जाप करते समय ध्यान और प्राणायाम की साधना करने से शक्ति बढ़ती है।
  • अन्य धार्मिक उपायों जैसे देव प्रबोधिनी एकादशी (Dev Prabodhini Ekadashi) या जय गणेश जय गणेश देवा लिरिक्स (Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Lyrics) का पालन भी जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) का जाप की अवधि और बार

  • प्रतिदिन 108 बार जाप करना श्रेष्ठ है।
  • कोई विशेष समय निर्धारित नहीं है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में जाप अधिक फलदायक माना जाता है।
  • यदि आप व्यस्त हैं तो उठते-बैठते, चलते-फिरते भी जाप कर सकते हैं।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र का महत्व और शिव महापुराण में वर्णन

शिव महापुराण में लिखा है कि इस मंत्र का निरंतर जप ही ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र मार्ग है। केवल नाम स्मरण से मनुष्य का हृदय भक्ति से भर जाता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र का जाप करने से व्यक्ति का मुख पवित्र तीर्थों के समान हो जाता है। यहाँ तक कि केवल मुख से उच्चारण सुन लेने से भी पाप नष्ट होते हैं।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) से जुड़े सवाल (FAQs)

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) का क्या मतलब होता है?

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) का अर्थ है “हे भगवान शिव, आपको मेरा नमस्कार है।” यह मंत्र भगवान शिव को सम्मान और भक्ति प्रकट करने का सरल और प्रभावशाली तरीका है।

दरवाजे पर श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) लिखने से क्या होता है?

दरवाजे पर यह मंत्र लिखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं और घरवाले मानसिक शांति और सुरक्षा का अनुभव करते हैं।

108 बार श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) बोलने से क्या होता है?

यदि आप 108 बार इस मंत्र का जाप करें तो मानसिक तनाव, दुख और बाधाएँ कम होती हैं। यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और भक्ति को बढ़ाता है।

शिव जी का महामंत्र कौन सा है?

भगवान शिव का प्रमुख महामंत्र “ॐ नमः शिवाय” है। इसके अलावा “श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam)” भी अत्यंत शक्तिशाली और सरल महामंत्र माना जाता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) कब-कब बोलना चाहिए?

इस मंत्र का जाप किसी भी समय किया जा सकता है। विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त में, सुबह उठकर, या कठिनाई के समय बोलना अधिक लाभकारी माना जाता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) के ब्लॉग का निष्कर्ष

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् (shree shivay namastubhyam) मंत्र न केवल आपके जीवन से पाप और नकारात्मकता को दूर करता है, बल्कि भक्ति, सकारात्मक ऊर्जा और जीवन में मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। यदि आप चाहते हैं कि अन्य धार्मिक व्रत और मंत्र भी आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता लाएँ, तो आप संकष्टी चतुर्थी व्रत विधि (sankashti chaturthi vrat vidhi) या श्री राम रक्षा स्तोत्र (ram raksha stotra) का पालन कर सकते हैं।

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