राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) पाठ करना भक्तों के लिए केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भगवान श्रीराम की दिव्य शरण प्राप्त करने जैसा माना जाता है। महर्षि बुधकौशिक द्वारा रचित यह शक्तिशाली स्तोत्र 38 श्लोकों का है, जिसमें भगवान राम के स्वरूप, गुण, नाम और दिव्य शक्ति का वर्णन मिलता है। यही कारण है कि आज भी लाखों भक्त राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) पढ़कर मानसिक शांति, सुरक्षा और आध्यात्मिक शक्ति अनुभव करते हैं।

राम रक्षा स्तोत्र क्या है?
राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) एक पवित्र संस्कृत स्तोत्र है जिसे “राम कवच” भी कहा जाता है। यह स्तोत्र नकारात्मक ऊर्जा, भय, दुख, बाधाओं और अप्रिय घटनाओं से रक्षा करने में अत्यंत प्रभावी माना गया है। ऐसा विश्वास है कि जो व्यक्ति श्रद्धा से राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) पढ़ता है, उसके चारों ओर भगवान राम का सुरक्षा कवच बन जाता है।
“राम” का नाम ही मोक्ष और भक्ति का मार्ग है, और जब यही नाम एक संरचनात्मक स्तोत्र के रूप में सामने आता है, तो उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए पुराणों में स्पष्ट कहा गया है कि राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) पढ़ना जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक दृढ़ता प्रदान करता है।
राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में क्यों पढ़ना चाहिए? (महत्व और लाभ)
आजकल की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में हर व्यक्ति मानसिक तनाव, भय और अनिश्चितता का सामना करता है। ऐसे समय में राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) पढ़ना जीवन में स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करता है।
1. भय और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा
यह स्तोत्र एक दिव्य कवच की तरह काम करता है।
2. मानसिक शांति और आत्मविश्वास
नियमित रूप से राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) पढ़ने से मन स्थिर होता है।
3. दुर्घटनाओं और अनहोनी से सुरक्षा
यात्रा या किसी नए कार्य से पहले इसका पाठ शुभ माना जाता है।
4. परिवार में शांति और सौभाग्य
हर घर में नियमित पाठ के सकारात्मक परिणाम दिखाई देते हैं।
5. आध्यात्मिक विकास
यह स्तोत्र राम नाम की शक्ति को जागृत करता है।
राम रक्षा स्तोत्र | (ram raksha stotra in hindi)
राम रक्षा स्तोत्र पढ़ने से पहले हाथ में जल लेकर इसको पढ़ें…
विनियोग:
अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः। श्री सीतारामचंद्रो देवता। अनुष्टुप छंदः। सीता शक्तिः। श्रीमान हनुमान कीलकम। श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः।
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अब जल को जमीन पर छोड़कर भगवान श्रीराम का ध्यान करें…
अथ ध्यानम्:
ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्धपद्मासनस्थं पीतं वासो वसानं नवकमलदलस्पर्धिनेत्रं प्रसन्नम्। वामांकारूढसीतामुखकमलमिलल्लोचनं नीरदाभं नानालंकार दीप्तं दधतमुरुजटामंडलं रामचंद्रम।
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राम रक्षा स्तोत्र:
चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम्। एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम्।।
ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम्। जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमण्डितं।।
सासितूणधनुर्बाणपाणिं नक्तंचरान्तकम्। स्वलीलया जगत्त्रातुमाविर्भूतमजं विभुम्।।
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रामरक्षां पठेत प्राज्ञः पापघ्नीं सर्वकामदाम्। शिरो मे राघवः पातु भालं दशरथात्मजः।।
कौसल्येयो दृशो पातु विश्वामित्रप्रियः श्रुति। घ्राणं पातु मखत्राता मुखं सौमित्रिवत्सलः।।
जिह्वां विद्यानिधिः पातु कण्ठं भरतवन्दितः। स्कन्धौ दिव्यायुधः पातु भुजौ भग्नेशकार्मुकः।।
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करौ सीतापतिः पातु हृदयं जामदग्न्यजित। मध्यं पातु खरध्वंसी नाभिं जाम्बवदाश्रयः।।
सुग्रीवेशः कटी पातु सक्थिनी हनुमत्प्रभुः। उरु रघूत्तमः पातु रक्षःकुलविनाशकृताः।।
जानुनी सेतुकृत पातु जंघे दशमुखांतकः। पादौ विभीषणश्रीदः पातु रामअखिलं वपुः।।
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एतां रामबलोपेतां रक्षां यः सुकृति पठेत। स चिरायुः सुखी पुत्री विजयी विनयी भवेत्।।
पातालभूतल व्योम चारिणश्छद्मचारिणः। न द्रष्टुमपि शक्तास्ते रक्षितं रामनामभिः।।
रामेति रामभद्रेति रामचंद्रेति वा स्मरन। नरौ न लिप्यते पापैर्भुक्तिं मुक्तिं च विन्दति।।
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जगज्जैत्रैकमन्त्रेण रामनाम्नाभिरक्षितम्। यः कण्ठे धारयेत्तस्य करस्थाः सर्वसिद्धयः।।
वज्रपञ्जरनामेदं यो रामकवचं स्मरेत। अव्याहताज्ञाः सर्वत्र लभते जयमंगलम्।।
आदिष्टवान् यथा स्वप्ने रामरक्षामिमां हरः। तथा लिखितवान् प्रातः प्रबुद्धो बुधकौशिकः।।
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आरामः कल्पवृक्षाणां विरामः सकलापदाम्। अभिरामस्त्रिलोकानां रामः श्रीमान स नः प्रभुः।।
तरुणौ रूपसम्पन्नौ सुकुमारौ महाबलौ। पुण्डरीकविशालाक्षौ चीरकृष्णाजिनाम्बरौ।।
फलमूलाशिनौ दान्तौ तापसौ ब्रह्मचारिणौ। पुत्रौ दशरथस्यैतौ भ्रातरौ रामलक्ष्मणौ।।
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शरण्यौ सर्वसत्वानां श्रेष्ठौ सर्वधनुष्मताम्। रक्षःकुलनिहन्तारौ त्रायेतां नो रघूत्तमौ।।
आत्तसज्जधनुषाविषुस्पृशा वक्ष याशुगनिषङ्गसङ्गिनौ। रक्षणाय मम रामलक्ष्मणावग्रतः पथि सदैव गच्छताम।।
सन्नद्धः कवची खड्गी चापबाणधरो युवा। गच्छन् मनोरथान नश्च रामः पातु सलक्ष्मणः।।
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रामो दाशरथी शूरो लक्ष्मणानुचरो बली। काकुत्स्थः पुरुषः पूर्णः कौसल्येयो रघूत्तमः।।
वेदान्तवेद्यो यज्ञेशः पुराणपुरुषोत्तमः। जानकीवल्लभः श्रीमानप्रमेयपराक्रमः।।
इत्येतानि जपन नित्यं मद्भक्तः श्रद्धयान्वितः। अश्वमेधाधिकं पुण्यं सम्प्राप्नोति न संशयः।।
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रामं दुर्वादलश्यामं पद्माक्षं पीतवाससम। स्तुवन्ति नामभिर्दिव्यैर्न ते संसारिणो नरः।।
रामं लक्ष्मणपूर्वजं रघुवरं सीतापतिं सुन्दरं काकुत्स्थं करुणार्णवं गुणनिधिं विप्रप्रियं धार्मिकम।।
राजेन्द्रं सत्यसंधं दशरथतनयं श्यामलं शांतमूर्तिं वन्दे लोकाभिरामं रघुकुलतिलकं राघवं रावणारिम।।
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रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः।।
श्रीराम राम रघुनन्दन राम राम। श्रीराम राम रणकर्कश राम राम। श्रीराम राम शरणं भव राम राम।।
श्रीराम चन्द्रचरणौ मनसा स्मरामि श्रीराम चंद्रचरणौ वचसा गृणामि। श्रीराम चन्द्रचरणौ शिरसा नमामि श्रीराम चन्द्रचरणौ शरणं प्रपद्ये।।
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माता रामो मत्पिता रामचन्द्रः स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्रः । सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालुर्नान्यं जाने नैव जाने न जाने।।
दक्षिणे लक्ष्मणो यस्य वामे च जनकात्मज। पुरतो मारुतिर्यस्य तं वन्दे रघुनन्दनम्।।
लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथं। कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये।।
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मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्ये।।
कूजन्तं रामरामेति मधुरं मधुराक्षरम। आरुह्य कविताशाखां वन्दे वाल्मीकिकोकिलम।।
आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।
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भर्जनं भवबीजानामर्जनं सुखसम्पदाम्। तर्जनं यमदूतानां रामरामेति गर्जनम्।।
रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे रामेणाभिहता निशाचरचमू रामाय तस्मै नमः।।
रामान्नास्ति परायणं परतरं रामस्य दासोस्म्यहं रामे चित्तलयः सदा भवतु मे भो राम मामुद्धराः।।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।।
अगर आप शिव भक्ति पसंद करते हैं, तो Religious india namami shamishan lyrics जैसे स्तोत्र भी आत्मा को शुद्ध करता है।
राम रक्षा स्तोत्र कब पढ़ना चाहिए?
- प्रातःकाल
- सूर्यास्त के समय
- यात्रा से पहले
- परीक्षा या इंटरव्यू से पहले
- संकट, मन अशांत होने पर
इन समयों में राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) पढ़ने से अद्भुत परिणाम मिलते हैं।
ऐसी ही दिव्य रचनाओं में Kaal bhairav ashtakam lyrics भी अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है।
राम रक्षा स्तोत्र के चमत्कार
भक्तों के अनुभव बताते हैं कि:
- रात में डर या बुरे सपने खत्म हो जाते हैं
- नकारात्मक ऊर्जा वाले घरों में शांति आ जाती है
- लंबे समय से रुके हुए काम पूरे होने लगते हैं
- बच्चों को पढ़ाई में एकाग्रता मिलती है
इन सबके मूल में है राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) की वह दिव्य सुरक्षा, जो हर दिशा में ढाल बनकर खड़ी रहती है।
राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) से जुड़े सवाल (FAQs)
FAQ 1: राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) क्यों पढ़ा जाता है?
राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) पढ़ने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें भगवान श्रीराम का वह दिव्य कवच वर्णित है, जो नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है। हिंदी में पढ़ने से अर्थ समझना आसान होता है और मन में श्रद्धा व भक्ति गहराई तक उतरती है।
FAQ 2: राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) पढ़ने का सही समय कौन-सा है?
आप राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) सुबह स्नान के बाद या शाम के शांत समय में पढ़ सकते हैं। हालांकि इसे किसी भी समय पढ़ा जा सकता है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त और संध्या का समय सबसे शुभ माना जाता है।
FAQ 3: क्या राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) रोज़ पढ़ने से लाभ मिलता है?
हाँ, राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) नियमित पाठ करने से मन शांत होता है, भय दूर होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यह मानसिक, आध्यात्मिक और भावनात्मक सुरक्षा का कवच माना जाता है।
राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (Ram Raksha Stotra in hindi) के ब्लॉग का निष्कर्ष
राम रक्षा स्तोत्र हिंदी में (ram raksha stotra in hindi) पढ़ना सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं—बल्कि मन, शरीर और आत्मा का उपचार है। यह स्तोत्र जीवन के हर क्षेत्र में सुरक्षा, शांति और संबल प्रदान करता है।
यदि नियमित रूप से श्रद्धा के साथ पढ़ा जाए, तो यह जीवन में वह स्थिरता देता है जो आज के समय में सबसे अधिक जरूरी है।


