Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत

Pradosh Vrat
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Pradosh Vrat: महत्व, तिथि, पूजा विधि और फायदे

Pradosh Vrat हिंदू धर्म के प्रमुख और अत्यंत फलदायी व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है और यह हर महीने दो बार पड़ता है—एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। इस व्रत का समय त्रयोदशी तिथि की प्रदोष बेला यानी सूर्यास्त से लगभग एक घंटे पहले से लेकर उसके बाद तक का होता है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे—

  • Pradosh Vrat kab hai?
  • इस बार Pradosh Vrat December में कब पड़ रहा है
  • व्रत का महत्व
  • पूजा विधि
  • व्रत कथा
  • लाभ और खास उपाय

आपकी जानकारी के लिए—

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17 दिसंबर 2025 (बुधवार): Pradosh Vrat

यह व्रत इस बार बुधवार को पड़ रहा है, जिसे बुध प्रदोष कहा जाता है। बुधवार का प्रदोष, गणपति और शिव—दोनों की कृपा प्राप्त कराने वाला अत्यंत शुभ माना जाता है।

Pradosh Vrat Kab Hai?

दिसंबर 2025 में प्रदोष व्रत की तिथि इस प्रकार है:

👉 Pradosh Vrat December 2025

  • तारीख – 17 दिसंबर, बुधवार
  • तिथि – त्रयोदशी
  • प्रदोष काल – सूर्यास्त से 1.5 घंटे का काल सर्वश्रेष्ठ माना जाता है
  • दिन – बुधवार (बुध प्रदोष)

Pradosh Vrat क्या है?

शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव हर प्रकार के कष्ट दूर करते हैं। “प्रदोष” का अर्थ है—सांध्य काल। माना जाता है कि इस समय शिव जी कैलाश छोड़कर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने निकलते हैं।

यह व्रत—

  • घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है
  • संतान प्राप्ति का योग बनाता है
  • नौकरी, व्यापार और अचानक धन लाभ की संभावना बढ़ाता है
  • वैवाहिक जीवन में मधुरता लाता है
  • रोगों और शत्रुओं से रक्षा करता है

Pradosh Vrat का धार्मिक महत्व

प्रदोष व्रत का वर्णन पद्म पुराण, स्कंद पुराण और शिव पुराण में विस्तार से मिलता है। ऐसा कहा गया है कि—

“त्रयोदशी तिथि और प्रदोष काल में उपवास करके शिव पूजन करने वाला भक्त सभी पापों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है।”

इसके तीन प्रमुख प्रकार माने गए हैं:

  1. सोम प्रदोष – सोमवार को पड़ने वाला, शिव कृपा दायक
  2. भौम प्रदोष – मंगलवार को पड़ने वाला, ऋण मुक्ति दायक
  3. बुध प्रदोष – बुधवार को पड़ने वाला, बुद्धि, ज्ञान और व्यवसाय में लाभ देने वाला

इस बार आने वाला 17 दिसंबर 2025 का प्रदोष व्रत बुधवार को पड़ रहा है, इसलिए यह बुध प्रदोष व्रत होगा।

Pradosh Vrat पूजा विधि

यदि आप पहली बार व्रत रख रहे हैं या विधि नहीं जानते, तो नीचे बिल्कुल आसान भाषा में संपूर्ण पूजा-विधि दी गई है —

1. व्रत का संकल्प

सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और भगवान शिव के समक्ष व्रत का संकल्प लें—
“मैं आज श्रद्धा से प्रदोष व्रत रख रहा/रही हूं, भगवान शिव मेरी मनोकामना पूरी करें।”

2. निर्जला या फलाहार व्रत

प्रदोष व्रत दो तरीकों से रखा जाता है:

  • निर्जला व्रत – पूरा दिन जल तक नहीं
  • फलाहार व्रत – फल, दूध और साधारण भोजन

शरीर की क्षमता के अनुसार व्रत रखें।

3. प्रदोष काल में पूजा

सूर्यास्त के बाद का समय सबसे शुभ होता है। इसी समय शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए।

आवश्यक सामग्री

  • बिल्वपत्र
  • धतूरा
  • गंगाजल
  • अक्षत
  • दीपक
  • चंदन
  • शहद, दूध, दही, घी, शक्कर
  • पुष्प
  • नैवेद्य

3. शिवलिंग अभिषेक

पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से शिवलिंग का अभिषेक करें।
इसके बाद गंगाजल से शुद्धिकरण करें।
बिल्वपत्र चढ़ाएं (3 पत्तियों वाले ही चढ़ाएं)।
धूप-दीप जलाएं और मंत्र पढ़ें—

🕉 “ॐ नमः शिवाय”

या

🕉 “महामृत्युंजय मंत्र”

कम से कम 108 बार जाप करें।

Pradosh Vrat कथा (संक्षेप में)

प्राचीन कथा के अनुसार एक बार देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हुआ। असुरों की शक्ति अधिक होने के कारण देवता भगवान शिव की शरण में गए।
त्रयोदशी के दिन, प्रदोष काल में शिव जी ने अत्यंत प्रसन्न होकर देवताओं को वरदान दिया और उनकी रक्षा की।

तभी से यह तिथि शिव कृपा प्राप्त करने की सबसे शुभ तिथि मानी जाती है।

Pradosh Vrat के फायदे

✔ भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है

✔ मनोकामना पूर्ण होती है

✔ घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है

✔ शत्रु बाधा समाप्त होती है

✔ ग्रह दोष और पितृ दोष दूर होते हैं

✔ धन लाभ व उन्नति के मार्ग खुलते हैं

✔ वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है

Pradosh Vrat December – विशेष योग (17 दिसंबर 2025)

इस बार का प्रदोष व्रत बुधवार को पड़ रहा है, जिससे कई शुभ लाभ माने जाते हैं:

व्यवसाय में वृद्धि

बुध ग्रह बुद्धि और व्यापार का कारक है—इसका प्रदोष व्यापार, नौकरी और करियर के लिए बेहद फलदायी है।

ऋण मुक्ति

कहा जाता है कि इस दिन शिव जी के अभिषेक से कर्ज से मुक्ति मिलती है।

नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ

बुध प्रदोष नए व्यापार, सौदे, अनुबंध और अध्ययन के लिए उत्तम दिन है।

17 दिसंबर के Pradosh Vrat में विशेष उपाय

व्रत के दिन नीचे दिए गए उपाय विशेष फलदायी माने जाते हैं:

1. शिवलिंग पर हरी घास चढ़ाएं

बुध दोष में राहत मिलती है।

2. मंदिर में दूर्वा, बेलपत्र एवं फल दान करें

कष्ट दूर होते हैं और शुभ समाचार मिलता है।

3. घर में दीपक जलाएं

नकरात्मक ऊर्जा दूर होती है।

4. माँ पार्वती की भी पूजा करें

वैवाहिक जीवन व रिश्तों में मधुरता आती है।

Pradosh Vrat December के FAQs

1. Pradosh Vrat kab hai December में?

17 दिसंबर 2025 (बुधवार) को प्रदोष व्रत है।

2. क्या यह व्रत हर महीने होता है?

हाँ, हर महीने दो बार—शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को।

3. मुख्‍य पूजन का समय क्या है?

प्रदोष काल – सूर्यास्त से लगभग 1 से 1.5 घंटे तक।

4. खाने में क्या ले सकते हैं?

फल, दूध, शहद, साबूदाना, सिंघाड़े का आटा आदि।

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समापन

Pradosh Vrat भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से व्रत रखता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि, मानसिक शांति, वैवाहिक खुशहाली और आर्थिक उन्नति आती है।

17 दिसंबर 2025 का बुध प्रदोष व्रत ज्ञान, बुद्धि, व्यापार और जीवन के सभी क्षेत्रों में शुभ परिणाम देने वाला माना जाता है।
यदि आप मनोकामना पूरी करना चाहते हैं, जीवन में रुकावटें दूर करना चाहते हैं या शिव जी की असीम कृपा पाना चाहते हैं, तो यह व्रत अत्यंत लाभकारी है।

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