
पंचाग 21 सितंबर 2025 रविवार
रविवार 21 सितंबर 2025 को आश्विन मास अमावस्या तिथि 01:23 AM तक रहेगी इसके पश्चात प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी । नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी 9:32 AM तक रहेगा इसके उपरांत उत्तर फाल्गुनी । शुभ योग 07:52 PM तक, उसके बाद शुक्ल योग । करण चतुष्पद 12:47 PM तक, बाद नाग 01:24 AM तक, बाद किस्तुघन। आज पितृ पक्ष का अंतिम दिन है, जिसे सर्व पितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है, जिसमें पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितरों के निमित्त पूजा-पाठ और श्राद्ध किए जाते हैं। पितृ पक्ष के आखिरी दिन जल से पितरों का तर्पण कर उन्हें तृप्त करें, जिससे कि वे तृप्त होकर वापिस पितृ लोक लौट सकें । विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि पितरों को तर्पण करते समय कुशा का प्रयोग जरूर करें, वरना तर्पण का जल पितरों का प्राप्त नहीं होता है। सर्व पितृ अमावस्या पर जिन पितरों के बारे में जानकारी न हों या जिनकी जानकारी है उन सभी का श्राद्ध किया जाता है । आप साथ ही श्रद्धापूर्वक अन्न या वस्त्र का दान भी जरूर करें.
