
आज 12 नवंबर बुधवार को मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो रात 10:58 बजे तक रहेगी । इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। आज का नक्षत्र आश्लेषा शाम 6:35 बजे तक रहेगा, उसके बाद मघा नक्षत्र शुरू होगा। योग: सुबह 8:02 बजे तक शुक्ल योग, उसके बाद ब्रह्म योग रहेगा। करण: सुबह 10:58 बजे तक बालव, फिर कौलव रात 10:58 बजे तक, और उसके बाद तैतिल करण रहेगा । आज कालाष्टमी, और कालभैरव जयंती । कहते हैं कालभैरव भगवान का रौद्र रूप है जो उनकी जयंती के दिन उनकी श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करता है उसके सारे संकट कष्ट कट जाते हैं ।
यमगण्ड काल: सुबह 8:04 बजे से 9:26 बजे तक
कुलिक काल: 10:48 बजे से 12:10 बजे तक
दुर्मुहूर्त: 11:49 बजे से 12:32 बजे तक
वर्ज्यम् काल: सुबह 7:15 बजे से 8:52 बजे तक
शुभ मुहूर्त:
अमृत काल: शाम 4:58 बजे से 6:35 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:07 बजे से 5:55 बजे तक
(आज अभिजीत मुहूर्त नहीं है)
सूर्योदय: सुबह 6:42 बजे
सूर्यास्त: शाम 5:39 बजे
चन्द्रोदय: 13 नवंबर, रात 12:35 बजे
चन्द्रास्त: दोपहर 1:06 बजे
सूर्य की राशि: तुला
चंद्रमा की स्थिति: शाम 6:35 बजे तक कर्क राशि में रहेगा, फिर सिंह राशि में प्रवेश करेगा।
विशेष योग:
सर्वार्थसिद्धि योग: 11 नवंबर शाम 6:18 बजे से 12 नवंबर सुबह 6:42 बजे तक (आश्लेषा नक्षत्र और मंगलवार के संयोग से)
गण्डमूल नक्षत्र:
11 नवंबर शाम 6:18 बजे से 12 नवंबर शाम 6:35 बजे तक (आश्लेषा)
12 नवंबर शाम 6:35 बजे से 13 नवंबर शाम 7:38 बजे तक (मघा)
आज का दिन आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि कालाष्टमी और कालभैरव जयंती जैसे विशेष पर्व हैं। इस दिन भगवान भैरव की पूजा करने से भय और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति मिलती है।
