नाम के साथ नवदुर्गा चित्र  | Navdurga images with name

नवरात्रि एक ऐसा पर्व है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर दिन का एक अलग स्वरूप और महत्व है। भक्त नाम के साथ नवदुर्गा चित्र (Navdurga images with name) खोजते हैं ताकि उन्हें हर दिन की पूजा के लिए सही देवी का स्वरूप मिल सके।

Bhakti Uday Bharat एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है, जो भारतीय संस्कृति, परंपरा और अध्यात्म को आधुनिक युग की भाषा में जन-जन तक पहुँचाता है। प्रदीप डाबास का मानना है कि:
भक्ति को सिर्फ़ सुनने या पढ़ने का विषय नहीं, बल्कि जीने का माध्यम बनाना चाहिए।”

जब आप नवरात्रि के दिनों में सुबह उठकर माता के सामने दीप जलाते हैं और नाम के साथ नवदुर्गा चित्र (Navdurga images with name) देखते हैं, तो आपके भीतर एक नई ऊर्जा जागती है। हर दिन के देवी स्वरूप से आप साहस, भक्ति और संतुलन सीखते हैं। आप महसूस करते हैं कि ये नौ दिन सिर्फ पूजा के नहीं, बल्कि आत्मशक्ति को जगाने के हैं।

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र
नाम के साथ नवदुर्गा चित्र

नवदुर्गा के नौ रूप और चित्र

1. मां शैलपुत्री (पहला दिन)

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ शैलपुत्री
नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ शैलपुत्री

नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा होती है। वे हिमालय की पुत्री हैं, वृषभ पर सवार। उनके हाथ में त्रिशूल और कमल है। पूजा से साधक को आध्यात्मिक शक्ति, मानसिक स्थिरता मिलती है। यहाँ नाम के साथ नवदुर्गा चित्र देखने से भक्ति यात्रा की नींव और मजबूत होती है।

मां शैलपुत्री से जुड़ी विस्तृत कथा, महत्व और पूजा विधि पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें – शारदीय नवरात्रि का पहला दिन(shardiya navratri ka pahla din)

2. माता ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन)

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माता ब्रह्मचारिणी
नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माता ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। वे तपस्या, संयम और त्याग की प्रतिमूर्ति मानी जाती हैं। मान्यता है कि देवी ब्रह्मचारिणी ने वर्षों तक कठिन तप करके भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। उनके एक हाथ में जपमाला और दूसरे हाथ में कमंडल होता है, जो साधना और तपस्या का प्रतीक है। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से भक्तों को आत्मविश्वास, धैर्य और संयम की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जो साधक पूरे मन से मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करता है, उसे जीवन में कभी भय और असफलता का सामना नहीं करना पड़ता।

मां ब्रह्मचारिणी की कथा, पूजा विधि और महत्व विस्तार से पढ़ें – शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन(shardiya Navratri ka dusra din)

3. मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन)

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ चंद्रघंटा
नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ चंद्रघंटा

नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा होती है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्राकार स्वर्णिम घंटा रहती है। दस हाथों में अस्त्र-शस्त्र और सिंह वाहन साहस का प्रतीक हैं। पूजा से साधक नकारात्मक शक्तियों और भय से मुक्त होता है, जीवन में शांति, सौभाग्य और समृद्धि आती है। यहाँ नाम के साथ नवदुर्गा चित्र देखकर ध्यान से दिव्य ऊर्जा का अनुभव होता है।

मां चंद्रघंटा की कथा, महत्व और पूजन विधि विस्तार से पढ़ें –शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन(shardiya Navratri ka teesara din)

4. माता कूष्मांडा (चौथा दिन)

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ कुष्मांडा
नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ कुष्मांडा

नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। देवी कूष्मांडा को ब्रह्मांड की सृष्टिकर्ता माना जाता है। मान्यता है कि उन्होंने अपनी दिव्य मुस्कान से सम्पूर्ण सृष्टि की रचना की थी। मां कूष्मांडा अष्टभुजा स्वरूप में विराजमान होती हैं और उनके हाथों में अमृतकलश, धनुष, बाण, कमल, चक्र, गदा और जपमाला सुशोभित रहती है। उनका वाहन सिंह है, जो वीरता और शक्ति का प्रतीक है। मां कूष्मांडा की उपासना करने से भक्त के जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। वे भक्तों के भय और रोगों का नाश करती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं। ऐसा माना जाता है कि उनकी कृपा से साधक का आध्यात्मिक प्रकाश प्रज्वलित होता है और साधना सफल होती है।

मां कूष्मांडा की कथा, पूजा विधि और महत्व विस्तार से जानने के लिए पढ़ें – शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन (shardiya Navratri ka chautha din)

5. माता स्कंदमाता (पांचवा दिन)

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ स्कंदमाता
नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ स्कंदमाता

नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है। वे भगवान कार्तिकेय की माता हैं और सिंह पर विराजमान होती हैं। चार हाथों में कमल, भगवान स्कंद और आशीर्वाद लिए भक्तों को शक्ति, संपत्ति और मोक्ष प्रदान करती हैं। पूजा से दुख दूर होते हैं और घर में सुख-शांति आती है। यहाँ नाम के साथ नवदुर्गा चित्र देखकर भक्त ध्यान और भक्ति में लीन हो सकते हैं।

मां स्कंदमाता की कथा, महत्व और पूजा विधि विस्तार से पढ़ें – शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन(shardiya navratri ka panchwa din)

6. मां कात्यायनी (छठा दिन)

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ कात्यायनी
नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ कात्यायनी

नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के षष्ठम स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के घर हुआ था, इसी कारण इन्हें यह नाम प्राप्त हुआ। उनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और भव्य है। मां कात्यायनी सिंह पर विराजमान रहती हैं और उनके चार हाथ होते हैं – एक हाथ में तलवार, दूसरे में कमल पुष्प, तीसरे हाथ से वे आशीर्वाद देती हैं और चौथा हाथ अभय मुद्रा में होता है। मां कात्यायनी को शक्ति और साहस की देवी माना जाता है। शास्त्रों में वर्णन है कि मां कात्यायनी की उपासना करने से अविवाहित कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है। वहीं विवाहित भक्तों के जीवन में वैवाहिक सुख, प्रेम और सौभाग्य की वृद्धि होती है। उनकी कृपा से भक्त के शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में विजय व उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं।

मां कात्यायनी की कथा, महत्व और पूजा विधि विस्तार से जानें –  शारदीय नवरात्रि का छठा दिन(shardiya navratri ka chhatha din)

7.  माता कालरात्रि (सातवां दिन)

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ कालरात्रि
नाम के साथ नवदुर्गा चित्र- माँ कालरात्रि

नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप कालरात्रि की पूजा की जाती है। वे अकाल मृत्यु और बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं। गदा पर सवार उग्र रूप में प्रकट, चार हाथों में तलवार, त्रिशूल और वरदान हैं। पूजा से भक्तों को साहस, सुरक्षा, नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति और घर में सुख-शांति एवं समृद्धि मिलती है। यहाँ नाम के साथ नवदुर्गा चित्र देखकर भक्ति और ध्यान बढ़ता है।

मां कालरात्रि की कथा, महत्व और पूजा विधि विस्तार से पढ़ें – शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन(shardiya navratri ka satavan din)

8. मां महागौरी (आठवां दिन)

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र-मां महागौरी
नाम के साथ नवदुर्गा चित्र-मां महागौरी

नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। वे श्वेत वृष (बैल) पर सवार रहती हैं और उनकी श्वेत वेशभूषा पवित्रता, शुद्धता और उज्जवलता का प्रतीक है। मां महागौरी का स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य और करुणामयी है। उनके चार हाथ होते हैं – एक हाथ में कमल का फूल, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे से आशीर्वाद और चौथे हाथ में वरदान देने वाली मुद्रा होती है। मां महागौरी की उपासना करने से भक्तों के जीवन में शांति, सौभाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। कहा जाता है कि उनकी कृपा से साधक के पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। जो भक्त पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ मां महागौरी का ध्यान करते हैं, उन्हें सभी प्रकार की मानसिक और शारीरिक बीमारियों से मुक्ति मिलती है।

मां महागौरी की कथा, महत्व और पूजा विधि विस्तार से जानें – शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन(shardiya navratri ka aathvan din)

9. माता सिद्धिदात्री (नौवां दिन)

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र-मां सिद्धिदात्री
नाम के साथ नवदुर्गा चित्र-मां सिद्धिदात्री

नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नवम स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा होती है। वे सभी सिद्धियों और शक्तियों की दात्री हैं। सिंह पर सवार, चार हाथों में पद्म, शंख, आशीर्वाद और वरदान हैं। पूजा से भक्तों को सफलता, सिद्धियां और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। यहाँ नाम के साथ नवदुर्गा चित्र देखकर भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

 मां सिद्धिदात्री की कथा, महत्व और पूजा विधि विस्तार से पढ़ें – शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)

नवदुर्गा के नाम और महत्व

नवरात्रि के इन नौ दिनों में देवी के स्वरूप न केवल भक्तों को शक्ति और साहस देते हैं, बल्कि जीवन में संतुलन और सकारात्मकता भी लाते हैं।

अगर आप माँ दुर्गा के मंत्रों और स्तोत्रों को विस्तार से पढ़ना चाहते हैं, तो श्री दुर्गा चालीसा (shree durga chalisa) का पाठ आपके लिए लाभकारी होगा।

एक छोटे गाँव में राधा नाम की बच्ची थी। नवरात्रि के पहले दिन उसने अपनी माँ के साथ पूजा की और हर दिन नाम के साथ नवदुर्गा चित्र देखकर माता के अलग-अलग स्वरूप जाने। नौवें दिन जब उसने सिद्धिदात्री माता की पूजा की, तो उसकी छोटी सी इच्छा पूरी हो गई। उसके चेहरे की मुस्कान सबके दिलों को छू गई।

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र (Navdurga images with name) के ब्लॉग का निष्कर्ष

नाम के साथ नवदुर्गा चित्र (Navdurga images with name)  नवरात्रि के पर्व को और भी भक्ति-भाव से जीने का अवसर देता है। हर दिन माँ दुर्गा के अलग स्वरूप की पूजा करके, भक्त अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता का अनुभव करते हैं।

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