
Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics: पूर्ण जानकारी, महत्व और लाभ
भारत में किसी भी शुभ कार्य, पूजा, यज्ञ या अनुष्ठान की शुरुआत भगवान गणेश के नाम के बिना पूरी नहीं मानी जाती। गणेश जी को विघ्नहर्ता, संकटमोचन, गणों के ईश्वर, और बुद्धि एवं सिद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। उनकी आरती, जिसे हम ‘जय गणेश जय गणेश देवा’ के नाम से जानते हैं, हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय और सर्वाधिक गाई जाने वाली आरती है। इस लेख में हम Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi के साथ उनका महत्व, लाभ और सही तरीके से आरती करने की विधि विस्तार से समझेंगे।
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गणेश जी की आरती का महत्व
गणेश जी की आरती सिर्फ भक्ति का एक माध्यम नहीं, बल्कि मन, बुद्धि, और जीवन की दिशा को सकारात्मक बनाने वाली आध्यात्मिक प्रक्रिया है। माना जाता है कि जब कोई भक्त श्रद्धापूर्वक Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi गाता है, तो उसके जीवन से विघ्न और बाधाएँ दूर होने लगती हैं।
आरती का अर्थ होता है—
“प्रकाश के माध्यम से ईश्वर की आराधना”।
जब आरती की लौ सामने जलती है, तो वह ऊर्जा, प्रकाश और नई शुरुआत का प्रतीक बन जाती है। इसलिए किसी भी पूजा में गणेश जी की आरती सबसे पहले गाई जाती है।
गणेश जी की आरती के लाभ
गणेश जी की आरती गाने और सुनने से मन और वातावरण दोनों अत्यंत शांत होते हैं। इसके अलावा—
- जीवन के सभी कार्य सुचारू रूप से होने लगते हैं
- निर्णय क्षमता और बुद्धि का विकास होता है
- काम में आ रही रुकावटें समाप्त होती हैं
- धन, सुख, सौभाग्य और समृद्धि आती है
- नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है
- घर में सकारात्मक वातावरण बनता है
ganesh ji ki aarti lyrics को रोज पढ़ने से परिवार में एकता और शांति बढ़ती है।
Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (पूर्ण और शुद्ध)
नीचे दी गई है संपूर्ण और त्रुटिरहित ganesh ji ki aarti lyrics in hindi:
जय गणेश जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त, चार भुजाधारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करे सेवा॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
यह Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है और दैनिक पूजा में इसका पाठ शुभ माना जाता है।
गणेश जी की आरती कैसे करें?
सही विधि से आरती करने पर इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
✔ 1. स्वच्छता और तैयारी
- स्नान कर साफ कपड़े पहनें
- पूजास्थल साफ रखें
- दीपक, अगरबत्ती, फूल, अक्षत, घी/तेल तैयार रखें
✔ 2. गणेश जी के सामने दीपक जलाएँ
दीपक जलाना भगवान के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक है।
✔ 3. आरती शुरू करें
आरती गाने से पहले “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप करना उत्तम माना जाता है।
✔ 4. आरती की थाली घुमाएँ
थाली को दाएँ से बाएँ घुमाएँ।
इस दौरान ganesh ji ki aarti lyrics को श्रद्धा से गाएँ।
✔ 5. आरती के बाद प्रसाद बाँटें
गणेश जी को लड्डू अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए मोदक या लड्डू का प्रसाद अवश्य चढ़ाएँ।
गणेश जी की आरती का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व
गणेश जी की आरती हजारों वर्षों पुरानी परंपरा है। माना जाता है कि यह आरती सबसे पहले महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन के समय लोकप्रिय हुई और बाद में पूरे भारत में फैल गई। इस आरती की रचना में सरल शब्दों का उपयोग किया गया है ताकि सामान्य जन भी इसे आसानी से गा सकें।
Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi में गणेश जी के स्वरूप, उनकी कृपा, और भक्तों के प्रति उनके प्रेम का अद्भुत वर्णन है। यह आरती भक्त और भगवान के बीच एक पवित्र संबंध स्थापित करती है।
कब करें गणेश जी की आरती?
- प्रतिदिन सुबह और शाम
- बुधवार को विशेष रूप से
- गणेश चतुर्थी
- किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत
- घर या दुकान के उद्घाटन के समय
नियमित रूप से Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi का पाठ घर में समृद्धि और शांति लाता है।
भावना के साथ गाएँ आरती
आरती शब्दों से अधिक भावना का विषय है। जब भक्त पूर्ण श्रद्धा और प्रेम से यह पावन ganesh ji ki aarti lyrics गाता है, तो उसकी मनोकामनाओं की पूर्ति स्वयं भगवान गणेश करते हैं।
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निष्कर्ष
गणेश जी की आरती केवल भक्ति नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा भरने का माध्यम है। इस लेख में हमने Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi, आरती के लाभ, महत्व और सही विधि का विस्तृत विवरण दिया। यदि आप प्रतिदिन श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करेंगे, तो आपके जीवन के सभी विघ्न दूर होने लगेंगे और आपका मार्ग सरल और शुभ बन जाएगा।
