
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 30 नवंबर को रात 09:29 बजे तक रहेगी, जिसके बाद एकादशी तिथि का प्रारंभ हो जाएगा। इस दिन सूर्य देवता वृश्चिक राशि में स्थित रहेंगे, जबकि चंद्रमा पूरे दिन व रात मीन राशि में ही संचार करता रहेगा। नक्षत्रों की बात करें तो उत्तराभाद्रपदा नक्षत्र 30 नवंबर की रात 02:22 बजे तक प्रभावी रहेगा, जिसके बाद 1 दिसंबर रात 01:10 बजे तक रेवती नक्षत्र का प्रभाव रहेगा।
करणों में सबसे पहले तैतिल करण 29 नवंबर रात 11:15 बजे से 30 नवंबर सुबह 10:28 बजे तक चलेगा, इसके बाद गर करण 10:28 AM से रात 09:29 PM तक चलेगा, और फिर वणिज करण शुरू होकर 1 दिसंबर सुबह 08:20 बजे तक प्रभावी रहेगा। योगों में पहले वज्र योग 30 नवंबर सुबह 07:12 बजे तक रहेगा, फिर सिद्धि योग शुरू होकर 1 दिसंबर सुबह 04:21 बजे तक चलेगा, इसके पश्चात व्यातीपात योग आरंभ होगा।
यमगण्ड काल 12:15 PM से 1:35 PM तक, और कुलिक काल 2:55 PM से 4:15 PM तक रहेगा। दुर्मुहूर्त शाम 04:10 PM से 04:53 PM तक तथा वर्ज्यम् 11:29 AM से 01:00 PM के बीच रहेगा।
शुभ काल में अभिजीत मुहूर्त 11:54 AM से 12:36 PM तक, अमृत काल रात 08:36 PM से 10:07 PM तक और ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:19 AM से 06:07 AM तक मिलेगा।
इस दिन विशेष रूप से सर्वार्थसिद्धि योग सुबह 06:54 AM से रात 01:10 AM (1 दिसंबर) तक बनेगा, क्योंकि रविवार के दिन उत्तराभाद्रपदा नक्षत्र का संयोग अत्यंत शुभ माना जाता है
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