जय शिव शंकर जय गंगा धर गीत | (Jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) – पूर्ण लिरिक्स, अर्थ, महत्व और भक्ति अनुभव

jai shiv shankar jai gangadhar lyrics
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जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) एक अत्यंत लोकप्रिय और शक्तिशाली शिव स्तुति है, जो भक्तों के हृदय में भक्ति, श्रद्धा और शांति का संचार करती है। यह भजन भगवान शिव के अनेक रूपों—गंगाधर, नीलकंठ, महाकाल, विश्वनाथ, त्रिपुरारी और मृत्युंजय—की महिमा का वर्णन करता है। जब भक्त “जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत” ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) का पाठ करते हैं, तो उनके मन में दिव्यता और सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। यही कारण है कि यह भजन शिवरात्रि, सोमवार व्रत और दैनिक पूजा के दौरान लाखों भक्तों द्वारा गाया जाता है।

जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत | (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics)

जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणाकर करतार हरे,
जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशी सुख-सार हरे,
जय शशि-शेखर, जय डमरू-धर, जय जय प्रेमागार हरे,
जय त्रिपुरारी, जय मदहारी, अमित अनन्त अपार हरे,
निर्गुण जय जय सगुण अनामय, निराकार, साकार हरे ,
पार्वती पति, हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ॥ १ ॥

जय रामेश्वर, जय नागेश्वर, वैद्यनाथ, केदार हरे,
मल्लिकार्जुन, सोमनाथ जय, महाकाल ओंकार हरे,
त्रयम्बकेश्वर, जय घुश्मेस्वर, भीमेश्वर, जगतार हरे,
काशीपति, श्री विश्वनाथ जय, मंगलमय अघ-हार हरे,
नीलकण्ठ जय, भूतनाथ, मृत्युंजय, अविकार हरे,
पार्वती पति, हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ॥ २ ॥

जय महेश, जय जय भवेश, जय आदिदेव महादेव विभो,
किस मुख से हे गुणातीत प्रभु, तव महिमा अपार वर्णन हो,
जय भवकारक, तारक, हारक, पातक-दारक, शिव शम्भो,
दीन दुःखहर, सर्व सुखाकर, प्रेम सुधाकर शिव शम्भो,
पार लगा दो भवसागर से, बनकर करुणाधार हरे,
पार्वती पति, हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ॥ ३ ॥

जय मनभावन, जय अतिपावन, शोक-नशावन शिव शम्भो,
सहज वचन हर, जलज-नयन-वर, धवल-वरन-तन शिव शम्भो,
विपद विदारन, अधम उबारन, सत्य सनातन, शिव शम्भो,
सहज वचन हर, जलज-नयन-वर, धवल-वरन-तन शिव शम्भो,
मदन-कदन-कर पाप हरन हर-चरन मनन धन शिव शम्भो,
विवसन, विश्वरूप प्रलयंकर, जग के मूलाधार हरे,
पार्वती पति, हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ॥ ४ ॥

भोलानाथ कृपालु दयामय, औघड़दानी शिव योगी,
निमित्र मात्र में देते हैं, नवनिधि मनमानी शिव योगी,
सरल ह्रदय अतिकरुणा सागर, अकथ कहानी शिव योगी,
भक्तों पर सर्वस्व लुटा कर बने मसानी शिव योगी,
स्वयं अकिंचन, जनमन रंजन, पर शिव परम उदार हरे,
पार्वती पति, हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ॥ ५॥

आशुतोष इस मोहमयी निद्रा से मुझे जगा देना,
विषय-वेदना से विषयों को माया-धीश छुड़ा देना,
रूप-सुधा की एक बूँद से जीवन मुक्त बना देना,
दिव्य-ज्ञान-भण्डार-युगल-चरणों में लगन लगा देना,
एक बार इस मन मन्दिर में कीजे पद संचार हरे,
पार्वती पति, हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ॥ ६ ॥

दानी हो, दो भिक्षा में अपनी अनपायनि भक्ति प्रभो,
शक्तिमान हो, दो तुम अपने चरणों में अनुरक्ति प्रभो,
पूर्ण ब्रह्म हो, दो तुम अपने रूप का सच्चा ज्ञान प्रभो,
स्वामी हो, निज सेवक की सुन लेना करुण पुकार हरे,
पार्वती पति, हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ॥ ७ ॥

तुम बिन, व्याकुल हूँ प्राणेश्वर आ जाओ भगवंत हरे,
चरण-शरण की बांह गहो, हे उमा-रमण प्रियकंत हरे,
विरह व्यथित हूँ, दीन दुःखी हूँ, दीन दयालु अनन्त हरे,
आओ तुम मेरे हो जाओ, आ जाओ श्रीमन्त हरे,
मेरी इस दयनीय दशा पर, कुछ तो करो विचार हरे,
पार्वती पति, हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ॥ ८ ॥

शिव के उग्र और रक्षक रूप की भक्ति के लिए Kaal Bhairav Ashtakam पाठ |

भजन का आध्यात्मिक महत्व

“जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत” ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) केवल एक स्तुति नहीं, बल्कि भक्त और भगवान के बीच भावनात्मक संबंध का माध्यम है। माना जाता है कि इस भजन का नियमित पाठ:

  • मन की शांति प्रदान करता है
  • भय और नकारात्मकता को दूर करता है
  • मानसिक शक्ति बढ़ाता है
  • आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है

जब भक्त श्रद्धा से “जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत” ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) गाते हैं, तो उनके भीतर शिव की करुणा और प्रेम का अनुभव होता है। इसीलिए कई साधक ध्यान या शिव उपासना के दौरान इसी भजन का उपयोग करते हैं।

भगवान शिव के स्वरूपों का वर्णन

इस गीत में शिव के कई स्वरूपों का वर्णन मिलता है, जैसे:

  • कैलाशी
  • अविनाशी
  • भूतनाथ
  • नीलकंठ
  • महाकाल
  • विश्वनाथ
  • मृत्युंजय

इन स्वरूपों का उल्लेख “जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत” ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) में भक्तों को सुरक्षा और शक्ति का अनुभव कराता है। भक्त मानते हैं कि यह गीत शिव की कृपा प्राप्त करने का आसान मार्ग है।

यह गीत इतना लोकप्रिय क्यों है?

Google पर “जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत” ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) लगातार ट्रेंड करता है क्योंकि:

  • इसमें पूर्ण लिरिक्स उपलब्ध हैं
  • इसका भक्ति भाव अत्यंत गहरा है
  • शिवरात्रि और सोमवार को इसका searches बढ़ जाते हैं
  • भक्त इससे भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं

जब लोग “जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत” ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) खोजते हैं, तो वे केवल भजन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव चाहते हैं।

एक सुंदर स्तुति पढ़ें: religious India namami shamishan lyrics

पाठ करने का सर्वोत्तम तरीका

  • सोमवार की सुबह स्नान के बाद
  • दीपक और धूप जलाकर
  • शांत वातावरण में
  • शिवलिंग के सामने बैठकर

“जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत” ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) का ध्यानपूर्वक पाठ करने से मन अत्यंत शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) से जुड़े सवाल (FAQs)

Q1. जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) क्या है?

जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) एक प्रसिद्ध शिव स्तुति भजन है, जो भगवान शिव की महिमा और करुणा का वर्णन करता है।

Q2. जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) कब गाया जाता है?

जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) सोमवार, शिवरात्रि, ध्यान या पूजा के समय गाया जाता है ताकि भक्त शिव की कृपा प्राप्त कर सकें।

Q3. जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) सुनने का क्या लाभ है?

जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) सुनने से मन शांत होता है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।

Q4. क्या जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) रोज़ गाया जा सकता है?

हाँ, जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) रोज़ गाया जा सकता है और नियमित पाठ से भक्ति और मानसिक शक्ति बढ़ती है।

जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) के ब्लॉग का निष्कर्ष

भक्तों के लिए “जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) केवल एक गीत नहीं, बल्कि शिव भक्ति का प्रतीक है। यह गीत भक्तों को शिव की करुणा, शक्ति और प्रेम से जोड़ता है। चाहे मंदिर में गाया जाए या घर पर, “जय शिव शंकर जय गंगाधर गीत” ” (jai shiv shankar jai gangadhar lyrics) हर बार एक दिव्य अनुभव देता है।

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