धार्मिक भारत: नमामि शमीशान गीत (Religious india namami shamishan lyrics) — अर्थ, महत्व और सम्पूर्ण रुद्राष्टकम

religious india namami shamishan lyrics

भारतीय भक्ति परंपरा में नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) एक ऐसा दिव्य शिवस्तोत्र है, जिसे पढ़ते ही मन शांत, बुद्धि स्थिर और हृदय अत्यंत निर्मल हो जाता है। यह गीत रुद्राष्टकम का प्रथम श्लोक है, जिसके शब्द इतने शक्तिशाली हैं कि इसे आध्यात्मिक साधना का आधार माना जाता है। धार्मिक भारत में नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) का स्थान अत्यंत उच्च है क्योंकि इसमें शिव के निराकार, निर्विकल्प और निरंजन स्वरूप का गहन वर्णन मिलता है।

नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) क्या है?

नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) तुलसीदास द्वारा रचित रुद्राष्टकम का प्रारंभिक और अत्यंत प्रसिद्ध भाग है।
‘नमामि’ का अर्थ है—“मैं प्रणाम करता हूँ”
‘शमीशान’ का अर्थ है—“शवों के ईश्वर”, अर्थात महाकाल रूप शिव।

जिस प्रकार शिव जीवन और मृत्यु के महाजनक हैं, उसी प्रकार नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) उस गूढ़ शक्ति का अनुभव कराता है जो संसार के आरंभ और अंत दोनों में विद्यमान है। भक्ति और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने वाले भक्तों के लिए यह गीत एक प्रकाशपुंज है।

रुद्राष्टकम का इतिहासजहाँ से नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) की शुरुआत होती

कथाओं में वर्णित है कि भगवान श्रीराम ने रावण पर विजय पाने से पहले रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना की थी। वहाँ उन्होंने श्रद्धापूर्वक रुद्राष्टकम का पाठ किया। उसी रुद्राष्टकम का पहला श्लोक ही नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) है।
माना जाता है कि इसी स्तुति से उन्हें भगवान शिव की कृपा प्राप्त हुई और आगे का युद्ध सुगम हो गया।

इस प्रकार नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) केवल एक स्तुति नहीं, बल्कि विजय, करुणा, साहस और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है।

शिव द्वारा हलाहल पान की कथा नमामि शमीशान गीत की ही तरह शिवभक्ति का गहन संदेश देती है।
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रुद्राष्टकम : नमामि शमीशान निर्वाण रूपं (सहित अर्थ)

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं।।1।।

अर्थ: हे ईशान! मैं मुक्तिस्वरूप, सर्वव्यापक, ब्रह्मस्वरूप, वेदमय, निर्गुण, निर्विकल्प, निरीह और अनन्त ज्ञानमय प्रभु को प्रणाम करता हूँ।

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं
गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं।
करालं महाकाल कालं कृपालं
गुणागार संसारपारं नतोऽहं।।2।।

अर्थ: जो निराकार, ओंकाररूप आदिकारण, तुरीय, वाणी-बुद्धि-इन्द्रियों से परे, कैलासनाथ, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु और गुणों के भंडार हैं—उन भगवान को मैं नमस्कार करता हूँ।

तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं
मनोभूत कोटि प्रभा श्रीशरीरं।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजंगा।।3।।

अर्थ: जो हिमालय समान श्वेत, गम्भीर, करोड़ों कामदेवों जैसे कान्तिमान हैं, जिनके शिर पर गंगा प्रवाहित होती है, भाल पर बाल-चन्द्रमा और गले में सर्पमाला सुशोभित है—उन प्रभु को नमस्कार।

चलत्कुंडलं भ्रू सुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकंठं दयालं।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुंडमालं
प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि।।4।।

अर्थ: जिनके कानों में कुण्डल, सुन्दर नेत्र-भृकुटि, प्रसन्न मुख और नील कण्ठ है, जो दयालु हैं, बाघचर्म और मुण्डमाला धारण करते हैं—उन सर्वाधीश्वर शिव का मैं भजन करता हूँ।

प्रचंडं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखंडं अजं भानुकोटिप्रकाशं।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यं।।5।।

अर्थ: जो प्रचण्ड, सर्वश्रेष्ठ, प्रगल्भ, परमेश्वर, पूर्ण, अजन्मा, कोटि सूर्य के समान प्रकाशमान, त्रिभुवन के शूलनाशक और हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले हैं, उन भावगम्य भवानीपति का मैं भजन करता हूं।

कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी।
चिदानन्द संदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी।।6।।

अर्थ: हे प्रभो! आप कलारहित, कल्याणकारी, कल्पांतकर्ता, सत्पुरुषों को आनंद देने वाले, त्रिपुरासुर-विनाशक, मोहनाशक, ज्ञानानंदघन, कामदेव के शत्रु हैं—मुझ पर प्रसन्न हों, प्रसन्न हों।

न यावद् उमानाथ पादारविन्दं
भजंतीह लोके परे वा नराणां।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं।।7।।

अर्थ: जब मनुष्य उमाकान्त महादेव के चरणों का भजन नहीं करता, उसे इहलोक-परलोक में सुख-शान्ति नहीं मिलती, न ही उसका संताप दूर होता है। हे समस्त भूतों के निवास शिव! आप मुझ पर प्रसन्न हों।

न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यं।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो।।8।।

अर्थ: हे प्रभो, हे शम्भो, हे ईश! मैं न योग जानता हूँ, न जप, न पूजा। मैं तो बस निरंतर आपका नमस्कार करता हूँ। जरा-जन्म और दुःख से पीड़ित मुझ दुखी की रक्षा कीजिए।

रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति।।9।।

अर्थ: जो मनुष्य भगवान शंकर की तुष्टि के लिए ब्राह्मण द्वारा कहे हुए इस रुद्राष्टक का भक्तिपूर्वक पाठ करते हैं, उन पर शंकरजी प्रसन्न होते हैं।

नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) का महत्व और ला

नियमित रूप से नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) का चिंतन करने से:

  • मन का क्लेश शांत होता है
  • साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है
  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है
  • ध्यान की शक्ति विकसित होती है
  • ज्ञान, करुणा और स्थिरता प्राप्त होती है
  • शिवकृपा सहज रूप से मिलती है

जो भक्त रोज़ नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) पढ़ते हैं, वे बताते हैं कि जीवन में कठिनाइयाँ हल्की हो जाती हैं और मन की उलझनें दूर होने लगती हैं।

कलियुग के अंत और शिवशक्ति के पुनः प्रकट होने के संकेत जानने के लिए—
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धार्मिक भारत में नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) का सांस्कृतिक महत्

भारत की आध्यात्मिक संस्कृति में नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) का स्थान केवल एक देव-स्तुति का नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन का है।
यह गीत बताता है कि शिव केवल मंदिरों में नहीं—बल्कि हर कण, हर श्वास, हर अनुभव में समाए हुए हैं।

जब कोई भक्त भावपूर्वक नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) का पाठ करता है, तो उसे भीतर से ऐसा अनुभव होता है मानो उसका मन किसी अदृश्य शक्ति द्वारा संभाला जा रहा हो।

नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) से जुड़े सवाल (FAQs)

FAQ 1. नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) कौन से भगवान का गाना है?

अर्णव द्वारा गाए गए इस दिव्य मंत्र “नमामि शमिशं निर्वाण रूपम” के साथ भगवान शिव की शक्ति का गवाह बनें।

FAQ 2. नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) के रचयिता कौन थे?

नमामि शमीशान निर्वाण रूपं” की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी।

FAQ 3: नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) का पाठ करने से क्या लाभ मिलते हैं?

नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) का पाठ व्यक्ति के मन को शांत करता है, तनाव को कम करता है और आत्मिक शक्ति बढ़ाता है। कहा जाता है कि जब कोई व्यक्ति भक्ति भाव से नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) का जाप करता है, तो उसके जीवन में बाधाएँ कम होती हैं और मानसिक स्थिरता बढ़ती है। यह गीत शिव भक्तों के लिए आध्यात्मिक साधना का महत्वपूर्ण माध्यम माना जाता है।

नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) के ब्लॉग का निष्कर्ष

नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) तुलसीदास की अद्भुत भक्ति का सार है।
यह केवल स्तोत्र नहीं—एक आध्यात्मिक अनुभव है।
इसके शब्द शिव से सीधा संवाद कराते हैं और जीवन के हर अंधकार को प्रकाशमान कर देते हैं।

यदि श्रद्धा से नमामि शमीशान गीत (religious india namami shamishan lyrics) का पाठ किया जाए, तो शिवकृपा स्वतः प्राप्त होती है।

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