हिंदू धर्म में बृहस्पति देव (Brihaspati Dev) को देवताओं का गुरु कहा गया है। वे ज्ञान, बुद्धि, धर्म, और सौभाग्य के प्रतीक हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर हो, तो जीवन में बाधाएं, निर्णय-त्रुटि और आर्थिक कठिनाइयाँ आने लगती हैं। ऐसे में बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) का जाप करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।

बृहस्पति देव कौन हैं?
बृहस्पति देव, जिन्हें देवगुरु भी कहा जाता है, सभी ग्रहों में सबसे शुभ और ज्ञानदायक ग्रह माने जाते हैं। उनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में विद्या, धन और सम्मान को बढ़ाता है।
जब गुरु ग्रह कमजोर होता है, तब व्यक्ति को जीवन में असफलताओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए गुरुवार के दिन बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) का जाप अत्यंत लाभकारी होता है।
प्रमुख बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra)
1. देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
2. ॐ बृं बृहस्पतये नमः।।
3. ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
4. ॐ ह्रीं नमः।
ॐ ह्रां आं क्षंयों सः ।।
5. बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) –
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
6. ध्यान मंत्र –
रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,
विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।
पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,
विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।
7. बृहस्पति विनियोगा मंत्र –
ॐ अस्य बृहस्पति नम:
ॐ अनुष्टुप छन्दसे नम:
ॐ सुराचार्यो देवतायै नम:
ॐ बृं बीजाय नम:
ॐ शक्तये नम:
ॐ विनियोगाय नम:
8. ऊं अंशगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्।
9. गुरु का वैदिक मंत्र –
ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।
“ॐ बृ बृहस्पतये नमः”
ॐ अंगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात”
बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) जाप करने का सही समय और विधि
- दिन: गुरुवार
- समय: सूर्योदय से पहले या प्रातः काल
- आसन: पीले कपड़े पहनें, पीले आसन पर बैठें
- सामग्री: हल्दी की माला, पीला पुष्प, और घी का दीपक
- जप संख्या: कम से कम 108 बार
- दान-पुण्य: इस दिन पीली वस्तुएँ जैसे चना दाल, बेसन या कपड़े दान करें
गुरुवार के दिन स्नान के जल में हल्दी मिलाकर स्नान करें और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं हिंदी में (shri shivay namastubhyam in hindi) का उच्चारण करने से भी ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है।
बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) जाप के चमत्कारी लाभ
- ज्ञान और विवेक में वृद्धि
इस मंत्र से मानसिक स्पष्टता और निर्णय-शक्ति में वृद्धि होती है। - धन और समृद्धि की प्राप्ति
“ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नमः” के जाप से धन और सम्मान की वृद्धि होती है। - संतान एवं वैवाहिक सुख की प्राप्ति
“ॐ अंगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीवः प्रचोदयात्” मंत्र संतान-सुख के लिए अत्यंत फलदायी है। - ग्रह दोष से मुक्ति
बृहस्पति दोष या गुरु ग्रह के दुर्बल होने पर इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, बृहस्पति देव की उपासना के साथ राम मंत्र (ram mantra) का जाप करने से जीवन में संतुलन और सकारात्मकता आती है।
जब तुम “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” का जाप करते हो, तो तुम्हारे भीतर की नकारात्मक ऊर्जा स्वतः नष्ट होने लगती है। तुम्हारा मन स्थिर होता है, निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है और जीवन में नई संभावनाएँ जन्म लेती हैं। यही बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) का वास्तविक अर्थ है — भीतर के गुरु को जगाना।
बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) और आधुनिक जीवन में इसका प्रभाव
आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में जहाँ तनाव और असमंजस बढ़ गया है, वहीं बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) व्यक्ति के मन को स्थिर करता है।
ध्यान और मंत्र-जप से न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि ऊर्जा का स्तर भी बढ़ता है।
यदि आप अपने जीवन में स्थिरता और सकारात्मकता लाना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप अवश्य करें।
इस जाप के दौरान ओम शांति हिंदी में (om shanti in hindi) का पाठ करने से आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रभाव और बढ़ जाता है।
रवि नाम का युवक हर क्षेत्र में असफल हो रहा था। ज्योतिषी ने बताया कि उसका गुरु ग्रह कमजोर है। उसने हर गुरुवार “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप शुरू किया। कुछ ही हफ्तों में उसका आत्मविश्वास लौटा और करियर में उन्नति होने लगी। यही बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) का चमत्कार था — जब श्रद्धा और विश्वास मिलते हैं, तो राहें स्वयं बन जाती हैं।
बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) से जुड़े सवाल (FAQs)
बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) से क्या लाभ होते हैं?
बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) के जाप से व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, धन, और समृद्धि का वास होता है। यह गुरु ग्रह को मजबूत करता है, जिससे करियर, शिक्षा और पारिवारिक जीवन में स्थिरता आती है। नियमित रूप से “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) कब और कैसे जपना चाहिए?
बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) का जाप हर गुरुवार को प्रातः काल स्नान के बाद किया जाता है। पीले वस्त्र पहनें, हल्दी की माला से 108 बार जाप करें और घी का दीपक जलाएँ। जाप से पहले बृहस्पति देव का ध्यान करें और श्रद्धा से “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” मंत्र का उच्चारण करें।
कौन सा बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) सबसे प्रभावी माना जाता है?
बृहस्पति देव का बीज मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” सबसे शक्तिशाली माना जाता है। यह मंत्र बुद्धि, विवेक और धन प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। इसके साथ “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” का जाप करने से परिणाम और तेज़ मिलते हैं।
अगर कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो तो क्या करें?
यदि कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो, तो गुरुवार को व्रत रखें, पीले कपड़े पहनें और बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) का जाप करें। साथ ही केले के पेड़ में जल अर्पित करें और पीली वस्तुओं का दान करें। यह उपाय ग्रह दोषों को दूर कर शुभ फल प्रदान करता है।
क्या बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) का जाप सभी लोग कर सकते हैं?
हाँ, बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) का जाप कोई भी व्यक्ति कर सकता है। चाहे पुरुष हो या महिला, विद्यार्थी हो या व्यापारी — यह मंत्र सभी के लिए शुभ परिणाम देता है। केवल श्रद्धा, नियमितता और शुद्ध मन से जाप करना आवश्यक है।
बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) के ब्लॉग का निष्कर्ष
बृहस्पति मंत्र (brihaspati mantra) सिर्फ़ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि जीवन-शक्ति का स्रोत है। इसका नियमित जाप ज्ञान, समृद्धि और मानसिक शांति का वरदान देता है।
इस मंत्र से आप अपने गुरु ग्रह को मजबूत कर सकते हैं और जीवन में सफलता की नई राह बना सकते हैं।


