शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)मां दुर्गा के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। यह दिन शक्ति साधना, सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)मां की पूजा करने से सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं और जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं।
भक्तों का विश्वास है कि इस दिन की पूजा से मानसिक शांति, समृद्धि और अध्यात्मिक उन्नति होती है। पूरे नवरात्र में नवमी का दिन विशेष रूप से मां सिद्धिदात्री के लिए समर्पित होता है।

शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)मां सिद्धिदात्री कौन हैं?
मां सिद्धिदात्री देवी दुर्गा का नौवां स्वरूप हैं। इनके चार हाथ हैं और यह कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं।
- पहले हाथ में गदा,
- दूसरे में चक्र,
- तीसरे में शंख,
- चौथे में कमल का पुष्प होता है।
मान्यता है कि भगवान शिव ने इन्हीं की कृपा से अर्धनारीश्वर स्वरूप प्राप्त किया था।
धार्मिक दृष्टि से, मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों और सुरक्षा देने वाली देवी मानी जाती हैं।
विस्तार से देवी स्वरूपों को समझने के लिए आप भगवान विष्णु के 10 अवतार (bhagwan vishnu ke 10 avtar) के बारे में भी पढ़ सकते हैं।
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)की पूजा विधि
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)की पूजा की तैयारी:
- प्रातः स्नान कर घर या मंदिर को सजाएँ।
- मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या तस्वीर को लाल या बैंगनी वस्त्र पर स्थापित करें।
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)की पूजा सामग्री:
- धूप, दीप, पुष्प और अक्षत
- तिल, हलवा, खीर या लाल फल
- लाल रंग का वस्त्र
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)की पूजा विधि:
- तिल का भोग विशेष रूप से अर्पित करें।
- ब्राह्मणों और कन्याओं को भोजन कराएँ।
- आरती और मंत्रों का जाप करें।
इस दिन का रंग बैंगनी (Violet) होता है, जो आध्यात्मिकता, मोक्ष और सिद्धि का प्रतीक है।
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)का महत्व
- इस दिन की पूजा से अचानक आने वाली विपत्तियों से रक्षा होती है।
- जीवन में मोक्ष और सिद्धि की प्राप्ति होती है।
- भक्तों को आत्मिक शांति और इच्छित फल प्राप्त होते हैं।
- नवमी व्रत करने से कन्या पूजन का विशेष महत्व है।
- तिल का भोग अर्पित करने से मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है।
देवी आराधना से जुड़ी शक्ति स्तुति पढ़ने के लिए आप श्री दुर्गा चालीसा (shree durga chalisa) का पाठ कर सकते हैं।
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)का कथा
एक छोटे से गाँव में राधा ने पूरे नवरात्र व्रत रखे। शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)उसने मां सिद्धिदात्री को तिल का भोग अर्पित किया। उसी रात उसने सपना देखा कि मां ने उसे आशीर्वाद दिया। अगले ही दिन उसका अटके हुए काम अचानक पूरे हो गए। तभी से वह हर साल पूरे श्रद्धा भाव से शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)मनाती है।
कथाओं में कहा गया है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों के सभी संकटों को दूर करती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य प्रदान करती हैं।
शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री
पुराणों के अनुसार, मां सिद्धिदात्री ही वे देवी हैं जिन्होंने सभी देवताओं को विभिन्न प्रकार की सिद्धियां प्रदान की थीं। इन्हीं की कृपा से भगवान विष्णु, शिव और ब्रह्मा ने अपनी शक्तियों का विस्तार किया।
भक्तगण मानते हैं कि शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)उनकी पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और हर मनोकामना पूरी होती है।
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)का दान और भोग
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)का नवमी का भोग:
- तिल का भोग – मृत्यु भय दूर करने के लिए
- हलवा, खीर और लाल फल – देवी के प्रिय
- लाल रंग का वस्त्र – भक्ति और श्रद्धा दर्शाने के लिए
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)का दान करने योग्य वस्तुएँ:
- कन्या या ब्राह्मण भोजन
- अनाज – चावल, गेहूँ, दाल
- फल और मिठाई
दान करने से भक्तों को सर्वसिद्धि और मां का आशीर्वाद मिलता है।
जब आप शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि को सही ढंग से करते हैं, तो न सिर्फ़ आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि जीवन में आत्मिक शांति भी आती है। यदि आप श्रद्धा से तिल का भोग लगाएँ और कन्याओं को भोजन कराएँ, तो मां की विशेष कृपा आपके जीवन से हर संकट को दूर कर सकती है।
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)से जुड़े सवाल (FAQs)
शारदीय नवरात्रि कब शुरू होगी?
शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर, सोमवार को होगी। इस दिन घटस्थापना (कलश स्थापना) का शुभ मुहूर्त सुबह 6:09 बजे से 8:06 बजे तक रहेगा।
नवरात्रि का समापन 2 अक्टूबर, गुरुवार को विजयादशमी (दशहरा) के साथ होगा।
नवमी का भोग क्या है?
शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री को समर्पित होती है। इस दिन देवी को तिल (Sesame seeds) का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
तिल का प्रसाद चढ़ाने से मृत्यु भय दूर होता है।
यह भोग अचानक आने वाली विपत्तियों से रक्षा करता है।
पूजा के बाद तिल और अन्य प्रसाद ब्राह्मणों व कन्याओं को दान देने की परंपरा है।
भक्तजन मानते हैं कि मां सिद्धिदात्री को तिल का भोग अर्पित करने से जीवन में सिद्धि, मोक्ष और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
माता को सबसे प्रिय भोग क्या है?
मां दुर्गा के सभी स्वरूपों में से मां सिद्धिदात्री को विशेष रूप से तिल, हलवा, खीर, दूर्वा और लाल रंग का प्रसाद अत्यंत प्रिय है।
तिल का भोग – नवमी के दिन विशेष रूप से अर्पित किया जाता है।
हलवा और खीर – मीठे पदार्थ देवी को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं।
लाल रंग का वस्त्र या पुष्प – देवी के प्रति भक्ति और श्रद्धा दिखाने के लिए।
मान्यता है कि भक्त इन प्रिय भोगों को अर्पित करके मां से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
9 दिन व्रत रखने वाले पारण कब करेंगे 2025 में?
जो भक्त शारदीय नवरात्रि 2025 में पूरे 9 दिन व्रत रखते हैं, उनका पारण (व्रत खोलना) विजयादशमी / दशहरा के दिन, 2 अक्टूबर 2025 को होगा।
नवमी (1 अक्टूबर 2025) को मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना के बाद व्रत रखा जाता है।
दसवें दिन यानी विजयादशमी 2 अक्टूबर को भक्त अपने व्रत का पारण करते हैं।
पारण के दौरान भक्त हलवा, खीर, या फल आदि का सेवन कर सकते हैं और परिवार व मित्रों के साथ इसे बांटते हैं।
यह दिन विशेष रूप से माँ दुर्गा के आशीर्वाद और मोक्ष की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है।
नवमी के दिन क्या दान करना चाहिए ?
शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री को समर्पित होती है। इस दिन दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। नवमी के दिन विशेष रूप से निम्नलिखित चीज़ें दान में दी जा सकती हैं:
तिल – नवमी के दिन तिल का दान करने से मृत्यु भय से राहत मिलती है।
कन्या या ब्राह्मण भोजन – कन्याओं या ब्राह्मणों को भोजन कराने का विशेष महत्व है।
अनाज और वस्त्र – गेहूँ, चावल, दाल, और लाल रंग के वस्त्र दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
फल और मिठाई – देवी को अर्पित किए गए फल और मिठाई का दान गरीबों को करना चाहिए।
मान्यता है कि नवमी के दिन यह दान करने से सर्वसिद्धि, मोक्ष और देवी का आशीर्वाद मिलता है।
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din) के ब्लॉग का निष्कर्ष
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन (shardiya navratri ka nauvan din)मां सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त करने का दिव्य अवसर है। भक्त इस दिन श्रद्धा और भक्ति से मां की पूजा करें, तिल का भोग अर्पित करें और कन्याओं का पूजन करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की हर कठिनाई दूर होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शारदीय नवरात्रि के अन्य दिन भी जानें
- शारदीय नवरात्रि का पहला दिन (shardiya navratri ka pahla din)
- शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन (shardiya Navratri ka dusra din)
- शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन (shardiya Navratri ka teesara din)
- शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन (shardiya Navratri ka chautha din)
- शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din)
- शारदीय नवरात्रि का छठा दिन (shardiya navratri ka chhatha din)
- शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din)
- शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन (shardiya navratri ka aathvan din)