शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din): मां कालरात्रि पूजा विधि और महत्व

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि को समर्पित होता है। यह दिन विशेष रूप से सप्तमी तिथि पर मनाया जाता है। भक्तजन इस दिन व्रत रखते हैं और माता की आराधना करके शक्ति, साहस और सुरक्षा की कामना करते हैं।

शारदीय नवरात्रि का सातवाँ दिन

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) मां कालरात्रि का स्वरूप

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) इसलिए खास है क्योंकि इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। उन्हें सबसे उग्र स्वरूप माना गया है। उनका रंग काला है, शरीर पर बाल खुले रहते हैं और गले में माला होती है। वे शत्रुओं का संहार करने वाली शक्ति हैं, लेकिन अपने भक्तों को निर्भय और अभयदान देने वाली भी हैं।

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) 2025 में सप्तमी की तिथि

• सप्तमी तिथि आरंभ: 28 सितंबर 2025, रात 10:25 बजे
• सप्तमी तिथि समाप्त: 29 सितंबर 2025, रात 12:15 बजे तक
इस तिथि पर भक्तजन शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) मनाते हुए मां कालरात्रि का विशेष पूजन करेंगे।

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) मां कालरात्रि की पूजा विधि

  1. प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. देवी कालरात्रि की मूर्ति/चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  3. गुड़ और शहद का भोग अर्पित करें।
  4. “ॐ कालरात्र्यै नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
  5. दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

जब आप शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) यानी सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की पूजा करते हैं, तो न सिर्फ़ आपके भीतर आत्मविश्वास और शक्ति का संचार होता है, बल्कि जीवन की हर चुनौती को सामना करने का साहस भी मिलता है। यह दिन आपको याद दिलाता है कि शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) आपके लिए भय का अंत और नई ऊर्जा की शुरुआत है।

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) पर अर्पित किया जाने वाला भोग

इस दिन मां कालरात्रि को गुड़ और जौ का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) पर ऐसा करने से आयु, स्वास्थ्य और धन-धान्य में वृद्धि होती है।

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) का महत्व

• अचानक आने वाले संकट से रक्षा होती है।
• नकारात्मक ऊर्जा और भय का नाश होता है।
• साधना और तंत्र साधना करने वालों के लिए शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) विशेष फलदायी होता है।
• भक्तों को साहस और निर्भयता की प्राप्ति होती है।

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) की कथा और अनुभव

मां कालरात्रि की उपासना से जुड़ी कथाएं भी हैं, जैसे कि खाटू श्याम जी की कथा जिनमें भक्ति और आस्था की शक्ति को विस्तार से बताया गया है।
राजेश कई महीनों से कठिनाइयों से जूझ रहा था। शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) यानी सप्तमी के दिन उसने मां कालरात्रि की सच्चे मन से पूजा की और “ॐ कालरात्र्यै नमः” मंत्र का जाप किया। धीरे-धीरे उसके जीवन से भय और अवरोध दूर होते गए। यह अनुभव उसे हमेशा याद दिलाता है कि नवरात्रि का सातवां दिन साधारण नहीं, बल्कि दिव्य शक्ति का प्रतीक है।

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) क्या करें और क्या न करें?

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) क्या करें

  • इस दिन सफेद या नीले रंग के कपड़े पहनें।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) क्या न करें

  • नकारात्मक विचारों और क्रोध से बचें।
  • तामसिक भोजन न करें।

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) का संक्षिप्त कथा

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) यह भी याद दिलाता है कि मां कालरात्रि ने अपने भक्तों को राक्षसों और दानवों से बचाने के लिए युद्ध किया। उनके केवल दर्शन मात्र से ही सभी दुष्ट शक्तियां भाग खड़ी होती हैं। यही कारण है कि उन्हें “शत्रु संहारिणी” कहा जाता है।

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) से जुड़े सवाल (FAQs)

कालरात्रि में मां को कौन सा रंग पसंद है

माँ कालरात्रि को प्रायः नीला (Blue) और ग्रे / स्लेटी (Grey / Slate) रंग पसंद माना जाता है।

कालरात्रि का दूसरा नाम क्या है

माँ कालरात्रि के कुछ दूसरे नाम ये हैं:
• शुभंकरी (Shubhankari)
• रौद्री (Raudri)
• धूम्रवर्णा (Dhoomravarna)

मां कालरात्रि को कौन सा फूल पसंद है

प्रिय फूल:
• जैस्मीन (Jasmine)— कई पूजा-विधियों में कहा जाता है कि कालरात्रि माता को जैस्मीन फूल अर्पित करना शुभ है।
• हिबिस्कस (Hibiscus)— कुछ स्रोतों में हिबिस्कस को भी पूजा में इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है।
• कृष्णा कमल (Passionflower / Passiflora)— नवरात्रि में सातवें दिन, माँ कालरात्रि को ये फूल अर्पित करने की प्रथा मिलती है।

मां काली और कालरात्रि में क्या अंतर है

मां काली और मां कालरात्रि दोनों ही देवी दुर्गा के उग्र स्वरूप हैं, लेकिन इनमें अंतर है:

मां काली:
आदिशक्ति का उग्र रूप मानी जाती हैं।
वे समय (काल) से परे हैं और बुराई के संहार का प्रतीक हैं।
प्रायः उन्हें बिना वस्त्र के, गले में खोपड़ियों की माला और हाथ में खप्पर लिए दर्शाया जाता है।

मां कालरात्रि:
ये मां दुर्गा का सातवाँ रूप (नवरात्रि के सप्तम दिन की देवी) हैं।
इनका वर्ण कृष्ण है, बाल बिखरे हुए और स्वरूप अत्यंत भयानक है, लेकिन ये भक्तों को सदा शुभ फल देने वाली मानी जाती हैं।
इन्हें “शुभंकरी” भी कहा जाता है क्योंकि इनके क्रोधी रूप के बावजूद ये अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।

सरल शब्दों में, मां काली शक्ति का सार्वभौमिक, स्वतंत्र और समय से परे स्वरूप हैं, जबकि मां कालरात्रि नवरात्रि में पूजित दुर्गा के नौ स्वरूपों में से एक विशिष्ट रूप हैं।

मां कालरात्रि को कौन सा भोग प्रिय है

माँ कालरात्रि को प्रिय भोग
गुड़ (jaggery / gud) — गुड़ को विशेष रूप से सातवें दिन भोग के रूप में लगाया जाता है।
गुड़ से बने व्यंजन – जैसे कि गुड़ की खीर, गुड़ हलवा, गुड़-के गुंधुले (gulugule), तिल लड्डू आदि।
तिल लड्डू – विशेष रूप से कहा जाता है कि यह भोग प्रिय है।
दूध, दही, शहद, घृत (ghee) — कुछ पूजा सामग्री में पंचामृत आदि में ये शामिल होते हैं।

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) के ब्लॉग का निष्कर्ष

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) माँ दुर्गा के उग्र स्वरूप माँ कालरात्रि की उपासना को समर्पित है। इस दिन की पूजा से भक्तों के जीवन से भय, बाधा और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और उनमें नई शक्ति, साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है। सप्तमी को गुड़, शहद और जौ के भोग के साथ मां की आराधना करने से आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
यह दिन हमें सिखाता है कि चाहे अंधकार और भय कितना भी गहरा क्यों न हो, शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन (shardiya navratri ka satavan din) माँ कालरात्रि की कृपा से हर संकट से मुक्ति और जीवन में सकारात्मकता लाने का संदेश देता है।

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