शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din): माँ स्कंदमाता की पूजा और महत्व

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) माँ स्कंदमाता की पूजा के लिए समर्पित होता है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि स्कंदमाता, भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की जननी हैं और उनकी आराधना से संतान सुख, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) माँ स्कंदमाता का स्वरूप

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) पूजित देवी स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं। वे अपने गोद में बाल रूप में कार्तिकेय को धारण करती हैं। उनके एक हाथ में कमल और दूसरे हाथ से वे आशीर्वाद देती हैं। उनका वाहन सिंह है, जिसके कारण उन्हें सिंहासनारूढ़ा भी कहा जाता है।

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) की तिथि और शुभ मुहूर्त 2025

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) यानी पंचमी तिथि 26 सितंबर 2025 (शुक्रवार) को मनाई जाएगी।

  • पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 06:00 बजे से 08:00 बजे तक विशेष फलदायी माना गया है।
  • इस दिन का रंग: हरा (समृद्धि और उन्नति का प्रतीक)।

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) की पूजा विधि

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. घर या मंदिर को गंगाजल से पवित्र करें।
  3. शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) माँ स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र पर पुष्प, अक्षत, लाल चुनरी और चंदन अर्पित करें।
  4. बाल कार्तिकेय के साथ माँ की आराधना करें और श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
  5. संतान सुख और घर की उन्नति के लिए विशेष ध्यानपूर्वक मां की पूजा करें।

भक्त श्री दुर्गा चालीसा (shree durga chalisa) का पाठ कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) माँ स्कंदमाता की आराधना का महत्व

  • संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों के लिए शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) अत्यंत शुभ है।
  • गृहस्थ जीवन की समस्याओं का समाधान होता है।
  • मानसिक शांति और विद्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इसी तरह भक्त भगवान विष्णु के 10 अवतार (bhagwan vishnu ke 10 avatar) की कथा सुनकर आध्यात्मिक ज्ञान को और गहरा कर सकते हैं।

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) की प्रेरणादायक कथा

एक भक्त कई वर्षों से संतान प्राप्ति की इच्छा रखता था। उसने शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) माँ स्कंदमाता का व्रत रखा और पूरी श्रद्धा से पूजा की। कुछ ही समय बाद उसके घर में संतान सुख की प्राप्ति हुई। तभी से वह हर वर्ष पंचमी पर विशेष पूजा करता है। यह कथा बताती है कि माँ स्कंदमाता की कृपा से भक्तों की सच्ची मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) से जुड़ी धार्मिक मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) माँ स्कंदमाता की पूजा से भक्तों को उनके कर्मफल के बंधनों से मुक्ति मिलती है। उनका नाम लेते ही भक्त का हृदय दिव्य प्रकाश से भर जाता है।

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) का भक्तों के लिए संदेश

जब आप शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) माँ स्कंदमाता की पूजा करते हैं, तो उनके आशीर्वाद से आपके जीवन की बाधाएँ धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। यदि आप संतान सुख, घर में समृद्धि और मन की शांति चाहते हैं, तो इस दिन का विशेष महत्व है। सुबह शुभ मुहूर्त में पूजा करने से न केवल आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और आनंद का वातावरण भी बनता है।

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) से जुड़े सवाल (FAQs)

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) क्या खास है?

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) माँ स्कंदमाता की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। स्कंदमाता, भगवान कार्तिकेय की माता हैं और उनकी आराधना से संतान सुख, घर-परिवार की समृद्धि तथा मानसिक शांति प्राप्त होती है। इस दिन भक्त माँ को कमल और हरे रंग के पुष्प अर्पित करते हैं। पंचमी तिथि का शुभ रंग हरा है, जो जीवन में विकास, सौभाग्य और उन्नति का प्रतीक माना जाता है।

शारदीय नवरात्रि 2025 पर कौन सा रंग पहनना चाहिए?

शारदीय नवरात्रि में प्रत्येक दिन का अपना विशेष रंग होता है, जिसे धारण करने से देवी का आशीर्वाद मिलता है। वर्ष 2025 में नवरात्रि 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहेगी। शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) (26 सितंबर 2025) का शुभ रंग हरा है, जो समृद्धि और उन्नति का प्रतीक है। भक्त इस दिन हरे वस्त्र पहनकर माँ स्कंदमाता की पूजा करते हैं।

स्कंदमाता को कौन सा रंग पसंद है?

माँ स्कंदमाता को हरे रंग का विशेष महत्व दिया गया है। शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) भक्त हरे वस्त्र पहनते हैं और हरे फूल अर्पित करते हैं। हरा रंग समृद्धि, शांति और उन्नति का प्रतीक माना जाता है।

माँ स्कंदमाता कौन हैं?

माँ स्कंदमाता नवरात्रि की पाँचवीं शक्ति हैं और भगवान कार्तिकेय की माता हैं। वे कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं और सिंह पर भी सवार होती हैं। शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) उनकी पूजा के लिए समर्पित होता है।

स्कंदमाता को कौन सा फूल पसंद है?

माँ स्कंदमाता को कमल का फूल अत्यंत प्रिय है। शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) उनकी पूजा करते समय कमल और हरे पुष्प अर्पित करना शुभ माना जाता है।

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) के ब्लॉग का निष्कर्ष

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन (shardiya navratri ka panchwa din) माँ स्कंदमाता की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन की आराधना से न केवल संतान सुख मिलता है, बल्कि भक्ति और ज्ञान का वरदान भी प्राप्त होता है।

शारदीय नवरात्रि के अन्य दिन भी जानें

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Scroll to Top